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पूर्व सैनिकों ने अपनी मांगों को लेकर जिला कार्यालय में किया प्रदर्शन

सांबा: पूर्व सैनिकों ने अपनी आवाज़ बुलंद करने के लिए सोमवार को नंदिनी स्थित जिला मुख्यालय में एकत्रित होकर अपनी मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान पूर्व सैनिकों ने नारेबाजी करते हुए सरकार का ध्यान अपनी ओर करवाने व मांगो के लिए प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के दौरान हमारी मांगे पूरी करो, जय जवान.

सांबा: पूर्व सैनिकों ने अपनी आवाज़ बुलंद करने के लिए सोमवार को नंदिनी स्थित जिला मुख्यालय में एकत्रित होकर अपनी मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान पूर्व सैनिकों ने नारेबाजी करते हुए सरकार का ध्यान अपनी ओर करवाने व मांगो के लिए प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के दौरान हमारी मांगे पूरी करो, जय जवान जय किसान, भारत माता की जय आदि नारे लगाकर रोष व्यक्त किया।

प्रदर्शन कर रहे पूर्व सैनिकों ने कहा कि दिल्ली के जंतर-मंतर में 20 जनवरी से सैंकड़ों पूर्व सैनिक वन रैंक वन पैंशन और अन्य विसंगतियों को दूर करने के लिए प्रदर्शन कर रहें हैं और इसी सिलसिले में देश के अन्य हिस्सों में भी जंतर-मंतर में चल रहे आंदोलन के समर्थन में रोष जताकर राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंप कर पूर्व सैनिकों की मांगे पूरी करने के लिए मुहिम शुरू की गई है। सांबा में प्रदर्शन कर रहे पूर्व सैनिकों ने कहा कि वन रैंक वन पेंशन को जल्द लागू किया जाए और जेसीओ और ओआर के भत्तों की जो विसंगतियां हैं उन्हें दूर किया जाए।

उन्होने कहा कि जंग में सबसे अग्रिम पंक्ति में जवान लड़ाई लड़ते हैं,लेकिन पुरस्कार सेना के उच्च अधिकारियों को दिए जाते हैं। उन्होने कहा कि सेना के उच्च अधिकारियों और जवानों को दिए जाने वाले भत्तों में भी भारी असमानताएं हैं जिनको दूर किया जाए। उन्होंने कहा कि दिल्ली में हमारे साथी प्रदर्शन कर रहे हैं उनको समर्थन देने के लिए हमने आज जिला कार्यालय में प्रदर्शन किया है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने एक आदेश जारी किया था,जिसमें उन्होंने कहा था कि हर पांच साल बाद वन रैंक वन पैंशन संशोधन किया जाएगा, लेकिन कुछ नहीं हुआ। उन्होंने कोर्ट का सहारा लिया और कोर्ट से केस जीता जिसके बाद कुछ बिंदुओं पर संशोधन किया गया और उच्च अधिकारियों की पैंशन बढ़ा दी, लेकिन जवानों की पैंशन नही बढ़ाई।

उन्होंने सरकार से मांग करते हुए कहा कि जेसीओ और ओआर को भी वन रैंक वन पैंशन का लाभ मिलना चाहिए। मैडीकल अलाउंस को बढ़ाया जाए आज भी सिपाहियों की विधवाओं की पैंशन बहुत कम और अधिकारियों की विधवाओं की पैंशन ज्यादा है। डिसेबिलेटी पैंशन भी बहुत कम है। उन्होंने कहा जवान गोलियों का सामना करते हैं,लेकिन उन्हें सरकार की तरफ से कोई प्रोत्साहन नहीं मिलता है। वहीं उन्होंने अपनी मांगों के समर्थन का ज्ञापन जिला उपायुक्त अनुराधा गुप्ता को सौंपा। डीसी ने उनकी मांगों को आगे प्रेषित करने का आश्वासन दिया।

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