J&K Gulmarg Terror Attack: जम्मू कश्मीर के बारामूला स्थित गुलमर्ग में आतंकियों के हमले में सेना के एक और जवान शहीद हो गए। गुरुवार शाम को एलओसी के पास नगीन इलाके में आतंकियों ने सेना के वाहन पर हमला कर दिया था, जिसमें दो जवान और दो पोर्टर मारे गए थे। गंभीर रूप से घायल एक जवान को श्रीनगर के 92 बेस अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन शुक्रवार सुबह उनकी भी मृत्यु हो गई। इस हमले ने पूरे जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
आतंकियों के घुसपैठ की आशंका
सेना के सूत्रों के अनुसार, इस हमले में तीन से अधिक आतंकियों के शामिल होने की संभावना है। यह माना जा रहा है कि आतंकियों ने उत्तरी कश्मीर के बोता पाथरी सेक्टर से घुसपैठ की होगी। घटना के बाद सुरक्षा बलों ने इलाके को घेर लिया और तलाशी अभियान शुरू किया है। सेना और स्थानीय पुलिस सभी सुरागों को खंगाल रही है ताकि आतंकियों को जल्द से जल्द पकड़कर सजा दी जा सके।
प्रियंका गांधी ने जताया दुख
इस आतंकी हमले पर कई नेताओं ने दुख जताया है। प्रियंका गांधी ने इसे दुखद बताया और कहा कि ऐसी घटनाएं सभ्य समाज में मंजूर नहीं हैं। वहीं, मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने हमले को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि इन घटनाओं का बढ़ना चिंता का विषय है। फारूक अब्दुल्ला ने भी पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि जब तक पाकिस्तान इस ओर ध्यान नहीं देगा, शांति असंभव है। उन्होंने दोनों देशों के बीच मित्रता को आवश्यक बताया।
इस सप्ताह में चौथा आतंकी हमला
यह एक हफ्ते में चौथा हमला है, जिसमें गैर-कश्मीरियों को निशाना बनाया गया है। इन चार हमलों में तीन जवान शहीद हुए हैं और आठ गैर-कश्मीरी नागरिक मारे गए हैं। पिछले हमलों में पुलवामा, सोनमर्ग और शोपियां में भी गैर-कश्मीरी मजदूरों और कामगारों पर हमले हुए हैं, जिनमें ट्रांसपोर्टर, डॉक्टर और मजदूर शामिल हैं।
24 अक्टूबर को पुलवामा में हुआ हमला
24 अक्टूबर को दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले के बतगुंड में आतंकियों ने एक मजदूर पर गोली चलाई। घायल मजदूर का इलाज चल रहा है। इससे पहले, 20 अक्टूबर को सोनमर्ग में एक डॉक्टर और पांच मजदूरों की हत्या कर दी गई थी। लश्कर-ए-तैयबा के संगठन TRF ने इस हमले की जिम्मेदारी ली थी। इन घटनाओं ने राज्य में आतंकवाद के बढ़ते खतरों की ओर ध्यान आकर्षित किया है।
सेना ने तेज की आतंकियों की तलाश
गुलमर्ग हमले के बाद सुरक्षा बलों ने क्षेत्र में तलाशी अभियान को और भी तेज कर दिया है। डॉग स्क्वॉड और ड्रोन की मदद से आतंकियों की तलाश की जा रही है। सुरक्षा एजेंसियां मामले की हर बारीकी पर ध्यान दे रही हैं। सेना के जवान लगातार सतर्कता बरत रहे हैं ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।