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उपराज्यपाल Manoj Sinha ने गुजरात के प्रंसला में राष्ट्र कथा शिविर में लिया भाग

गुजरात के प्रांसला में स्वामी धर्मबंधुजी, वैदिक मिशन ट्रस्ट द्वारा आयोजित राष्ट्र कथा शिविर को उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने संबोधित किया। इस राष्ट्रीय स्तर के शिविर में युवाओं के समग्र व्यक्तित्व विकास के लिए एक मंच प्रदान हुआ। उपराज्यपाल ने अपने विचार सांझा करते हुए देश के सभी हिस्सों से शिविर में एकत्रित युवा और मेधावी प्रतिभाओं को राष्ट्र निर्माण के लिए खुद को समर्पित करने का आह्वान किया। अमृत काल में भरत के भविष्य को आकार देने में प्रतिस्पर्धा और युवा प्रमुख कारक होंगे। उन्होंने कहा कि प्रगति की गति काफी हद तक युवा पीढ़ी पर निर्भर करती है।

उपराज्यपाल ने कहा कि हमें महात्मा गांधी की शिक्षाओं को आत्मसात करना चाहिए और अनुभवात्मक अधिगम के लिए प्रयास करना चाहिए। हमें एक ऐसा वातावरण बनाने की जरूरत है जिसमें हमारे युवाओं को नई खोजों, नए आविष्कारों के लिए प्रोत्साहित किया जाए। उपराज्यपाल ने समाज में बदलाव लाने के लिए अनुभवों के माध्यम से ज्ञान प्राप्त करने के महत्व को रेखांकित किया।उन्होंने कहा कि सीखने की प्रक्रि या कभी खत्म नहीं होनी चाहिए। आजीवन सीखना दृष्टि को मिशन में बदल देता है।

उन्होंने कहा कि साहस और दृढ़ विश्वास के साथ हमारी युवा आबादी हर क्षेत्र में अभूतपूर्व सफलता हासिल कर सकती है, आविष्कार और नवाचार कर सकती है। उपराज्यपाल ने युवाओं से समाज में ज्ञान का दीपक जलाने और भारत को ज्ञान अर्थव्यवस्था में बदलने में योगदान देने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि युवा पीढ़ी को महात्मा गांधी, सरदार वल्लभ भाई पटेल जैसी देश की महान शख्सियतों के जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए और भारत को शांति और समृद्धि के रास्ते पर आगे ले जाना चाहिए।

उपराज्यपाल ने कहा कि उत्कृष्टता के लिए प्रयास करें न कि अंकों के लिए और जीवन के किसी भी चरण को सफलता और पूर्णता के रूप में न देखें। प्रतिस्पर्धा एक अन्य महत्वपूर्ण कारक है जिसे युवाओं को बुनियादी समस्याओं का बेहतर समाधान प्रदान करने की आवश्यकता है। साथ ही उन्होंने कहा कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में समाज के हर वर्ग को समान अवसर और संसाधनों तक समान पहुंच प्रदान की जा रही है। उन्होंने शिविर में भाग लेने वाले जम्मू कश्मीर के युवाओं से जम्मू-कश्मीर के बदले हुए परिदृश्य पर भी बात की। इस अवसर पर स्वामी धर्मबंधु वैदिक मिशन ट्रस्ट के संस्थापक, लेफ्टिनेंट जनरल रणधीर कुमार मेहता, जे एस राजपूत शिक्षाविद् और बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।

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