केंद्र शासित प्रदेश के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने डोगरी मान्यता दिवस के मौके पर प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने डोगरी भाषा में ट्वीट कर बधाई दी। एलजी मनोज सिन्हा ने कहा कि मान्यता दिवस के अवसर पर समृद्ध सांस्कृतिक और भाषा की विरासत के संरक्षण के लिए प्रयास किए जाने चाहिए और एक नए तरीके से आगे बढ़ना चाहिए। उन्होंने लिखा, ‘जम्मू कश्मीर दे लोकें गी डोगरी मानता दिवस दिआं शुभकामनां। इस मौके पर आओ अपनी समृद्ध सांस्कृतिक ते भाशाई विरासत दे प्रचार ते संरक्षण लेई अपने जतनें गी फ्ही समर्पित करदे होई नमें सिरेआ अग्गे बधाचै।’ डोगरी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल किए जाने को लेकर यह दिवस मनाया जाता है।
वर्ष 2003 में इस भाषा को अनुसूची में शामिल किया गया था। इस दिवस को मनाने के लिए जम्मू संभाग में अलग-अलग कार्यक्रमों के आयोजन किए जाते हैं। डोगरी भाषा जम्मू-कश्मीर में ही नहीं, बल्कि हिमाचल, पंजाब के कुछ भी हिस्सों और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के कई हिस्सों में भी बोली जाती है। बता दें कि केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर आधिकारिक भाषा विधेयक-2020 लागू करते हुए प्रदेश में पांच भाषाओं- कश्मीरी, डोगरी, हिंदी, उर्दू और अंग्रेजी को राजभाषा का दर्जा दिया है। राजभाषा बनने के बाद डोगरी को समुचित प्रतिष्ठा मिली है।