जम्मू: उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा आज हरिश्चंद्र त्यागी पब्लिक लाईब्रेरी, गाजियाबाद की 25वीं वर्षगांठ समारोह में शामिल हुए। उप-राज्यपाल ने इस अवसर पर अपने संबोधन में हरिश्चंद्र त्यागी पब्लिक लाइब्रेरी से जुड़े लोगों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि पुस्तकालय स्थानीय समुदाय के लिए शिक्षा और बौद्धिक प्रेरणा का स्रोत रहा है, जो सभी आयु समूहों, विशेषकर युवाओं की सेवा करता है।
डिजीटल प्रौद्योगिकी और आर्टिफीशियल इंटैलिजैंस के उद्भव पर बोलते हुए उप-राज्यपाल ने कहा कि पुस्तकालय हमेशा ज्ञान का एक बड़ा स्रोत बने रहेंगे। उप-राज्यपाल ने कहा कि सार्वजनिक पुस्तकालय प्रासंगिक बने रहेंगे और डिजीटल युग में बढ़ते रहेंगे क्योंकि यह न केवल ज्ञान, अनुसंधान, नए विचारों और दृष्टिकोणों का भंडार है बल्कि समुदाय की भावना को भी बढ़ावा देता है और समावेशिता को बढ़ावा देता है।
समारोह में उप-राज्यपाल ने जम्मू-कश्मीर के लोगों को पुस्तकालयों तक पहुंच प्रदान करने के लिए जम्मू-कश्मीर प्रशासन के प्रयासों को भी सांझा किया। हमने अनंतनाग, पुलवामा, शोपियां जैसे जिलों और केंद्र शासित प्रदेश के छोटे शहरों में पुस्तकालय स्थापित करने और अपने पुस्तकालयों को ई-र्लनिंग और परामर्श केंद्रों के रूप में विकसित करने के लिए समर्पित प्रयास किए हैं। उन्होंने कहा कि आज इन केंद्रों के माध्यम से हमारे युवाओं को 3.5 करोड़ ई-पुस्तकें उपलब्ध कराई गई हैं। बताया गया कि बांदीपोरा का अरागाम गांव देश के पहले पुस्तक गांव में तबदील हो गया है।
उप-राज्यपाल ने कहा कि हाल ही में, एक संग्रहालय और एक पुस्तकालय के साथ एक सांस्कृतिक केंद्र भी गुरेज में नियंत्रण रेखा के किनारे रहने वाले दर्दशिन आदिवासी समुदाय को समर्पित किया गया था। उन्होंने कहा कि दुर्लभ पांडुलिपियों का डिजीटलीकरण युवा पीढ़ी को जम्मू-कश्मीर और देश के इतिहास और सांस्कृतिक विरासत से जोड़ रहा है। इस अवसर पर उप-राज्यपाल ने हरिश्चंद्र त्यागी पब्लिक लाइब्रेरी में स्थापित बुक बैंक का उद्घाटन किया।
यह पूरे सत्र के दौरान छात्रों को विभिन्न विषयों पर मुμत किताबें उपलब्ध कराएगा। पुस्तकालय की 25 साल की यात्रा को दर्शाने वाला एक स्मारिका प्रकाशन भी इस अवसर पर जारी किया गया। डा.अनिल अग्रवाल, संसद सदस्य, राज्य सभा; सुनीता दयाल मेयर गाजियाबाद नगर निगम; यशोदा सुपर स्पैशलिटी हॉस्पिटल के अध्यक्ष डा. दिनेश अरोड़ा, बालेश्वर त्यागी, संरक्षक, हरिश्चंद्र त्यागी सार्वजनिक पुस्तकालय और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।