पुंछ: जम्मू कश्मीर के पुंछ में आतंकवादी हमले में शामिल आतंकवादियों को पकड़ने के लिए चलाए जा रहे एक बड़े अभियान के तहत 40 से अधिक लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है। अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि बाटा डोरिया-तोता गली तथा पड़ोसी इलाकों में घेराबंदी और तलाश अभियान में तेजी लाने के लिए अतिरिक्त बलों को तैनात किया गया है। सोमवार को तलाश अभियान के चौथे दिन कई सुरक्षा एजेंसियों के शामिल होने के साथ पूरे क्षेत्र की घेराबंदी कर दी गयी है। उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय राइफल्स इकाई द्वारा आयोजित इफ्तार के लिए अग्रिम इलाके के एक गांव में फलों और अन्य वस्तुओं को ले जा रहे ट्रक पर बृहस्पतिवार की शाम घात लगाकर हमला किया गया था, जिसमें सेना के पांच जवान शहीद हो गए और एक अन्य जवान गंभीर रूप से घायल हो गया।
अधिकारियों ने बताया कि जांच में पता चला है कि आतंकवादी ट्रक पर हमला करने से पहले भीम्बर गली-पुंछ सड़क मार्ग पर संभवत: एक पुलिया पर छिपे थे। उन्होंने बताया कि ऐसा अंदेशा है कि एक हमलावर ने सामने से सेना के ट्रक को निशाना बनाया होगा और फिर उसके साथियों ने पीछे की तरफ से गोलीबारी की होगी तथा ग्रेनेड फेंके होंगे जिससे सैनिकों को जवाबी कार्रवाई का मौका नहीं मिला होगा। अधिकारियों ने कहा, ‘‘आतंकवादियों ने स्टील-कोर गोलियों का इस्तेमाल किया जो बख्तरबंद वाहन को भी भेद सकती हैं। भागने से पहले आतंकवादियों ने सैनिकों के हथियार और गोला बारुद भी चुराए।’’
उन्होंने बताया कि बख्तरबंद वाहन पर गोलियों के 50 से अधिक निशान मिले। उन्होंने बताया कि तलाश अभियान के दौरान जवानों को इलाके में कुछ प्राकृतिक गुफा वाले ठिकाने भी मिले जिनका संभवत: पहले आतंकवादियों ने इस्तेमाल किया होगा। सेना आईईडी की भी तलाश कर रही है। उसे आशंका है कि आतंकवादियों ने घने वन्य क्षेत्र में, खासतौर से गहरी खाइयों और गुफाओं में आईईडी लगा रखे होंगे। आतंकवादी हमले के बाद वाहनों की आवाजाही के लिए बंद भीम्बर गली-पुंछ रोड को रविवार को यातायात के लिए फिर से खोल दिया गया।
सेना के उत्तरी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने रविवार को बताया कि जानलेवा हमले के लिए जिम्मेदार आतंकवादियों को पकड़ने के लिए आवश्यक कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) और राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण समेत विभिन्न एजेंसियों के विशेषज्ञों ने हमले की जांच के लिए पिछले दो दिन में घटनास्थल का दौरा किया है। हमले में जान गंवाने वाले जवानों के परिवार के प्रति एकजुटता जताने के लिए किश्तवाड़ में रविवार को सैकड़ों लोगों ने कैंडल मार्च निकाला।