श्रीनगर: कश्मीर में 40 दिन की कड़कड़ाती ठंड ‘चिल्लई-कलां’ का दौर शुरू हो गया है। श्रीनगर में बुधवार की रात, इस मौसम की सबसे सर्द रात रही। ठंड के कारण डल झील की जलापूर्ति लाइनों में पानी जम गया। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि श्रीनगर में बुधवार रात न्यूनतम तापमान शून्य से 5.5 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया, जो इस मौसम में अब तक का सबसे कम तापमान है।
इससे पिछली रात शहर का न्यूनतम तापमान शून्य से 4.2 डिग्री सेल्सियस नीचे रिकॉर्ड किया गया था। ठंड के कारण घाटी में कई स्थानों पर जलापूर्ति करने वाली डल झील की पाइपलाइनों में पानी जम गया। इसके अलावा झील के अंदरूनी हिस्सों में भी पाले की मोटी परत बन गई है। अधिकारियों के मुताबिक, वार्षिक अमरनाथ यात्रा के आधार शिविर में से एक पहलगाम में न्यूनतम तापमान शून्य से 6.8 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया और यह घाटी का सबसे ठंडा स्थान रहा।
पर्यटन स्थल पहलगाम में यह मौसम की अब तक की सबसे सर्द रात भी रही। वहीं, उत्तरी कश्मीर के बारामूला जिले में प्रसिद्ध ‘स्की-रिसॉर्ट’ गुलमर्ग में न्यूनतम तापमान शून्य से 5.2 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया। क्रिसमस के आसपास कश्मीर के कुछ हिस्सों में बारिश या हल्की बर्फबारी होने का अनुमान है। मौसम विभाग ने जम्मू-कश्मीर में 24 दिसंबर तक मौसम शुष्क रहने का अनुमान जताया है। वहीं, क्रिसमस के आसपास कश्मीर के कुछ हिस्सों में बारिश या हल्की बर्फबारी हो सकती है।
चिल्लई-कलां 40 दिनों का दौर होता है, जब कश्मीर घाटी शीतलहर की चपेट में आ जाती है और तापमान काफी घट जाता है। इस अवधि में हिमपात की प्रबल संभावना रहती है, खासकर ऊंचाई वाले क्षेत्रों में भारी बर्फबारी होती है। चिल्लई-कलां 30 जनवरी को समाप्त होगा। उसके बाद भी कश्मीर घाटी में शीतलहर बनी रहती है और 20 दिनों का ‘चिल्लई-खुर्द’ और 10 दिनों का ‘चिल्लई बच्चा’ दौर रहता है।