जया बच्चन ने सरकार से जर्मनी से बच्ची अरिहा शाह को वापस लाने का अनुरोध किया

नई दिल्ली: समाजवादी पार्टी की राज्यसभा सांसद जया बच्चन बुधवार को धारा शाह के समर्थन में सामने आईं, जिनकी बेटी को जर्मन सरकार ले गई है और उन्होंने कहा कि वह भारत सरकार से बच्ची को वापस लाने का अनुरोध करेंगी। अभिनेत्री से नेता बनीं जया बच्चन ने संसद के बाहर मीडियाकर्मयिों से बात करते.

नई दिल्ली: समाजवादी पार्टी की राज्यसभा सांसद जया बच्चन बुधवार को धारा शाह के समर्थन में सामने आईं, जिनकी बेटी को जर्मन सरकार ले गई है और उन्होंने कहा कि वह भारत सरकार से बच्ची को वापस लाने का अनुरोध करेंगी। अभिनेत्री से नेता बनीं जया बच्चन ने संसद के बाहर मीडियाकर्मयिों से बात करते हुए कहा, ‘‘धारा शाह जर्मनी से आई हैं। उनकी बेटी अरिहा शाह को जर्मन सरकार ने दो साल से अपने कब्जे में ले रखा है।

उन्होंने कहा कि वह सांसदों से मदद मांगने आई हैं। जया ने कहा, ‘‘सांस्कृतिक मतभेदों के कारण उन्होंने सख्त रुख अपनाया है और हम उसके खिलाफ बोलना चाहते हैं और हम विदेश मंत्री (एस. जयशंकर) और जर्मन दूतावास से भी अनुरोध करना चाहते हैं।’ उन्होंने कहा कि एक एजेंसी है जो बच्चों की देखभाल करती है। इस तरह के एक घर की पहचान की गई है जो गुजरात में है।

जया ने कहा, ‘हम भारत सरकार से बच्ची को लाने और उसे भारत में एक पालन गृह में रखने का अनुरोध करते हैं।‘ उन्होंने कहा, ‘फैसला भारत सरकार द्वारा किया जाना चाहिए, न कि जर्मन सरकार द्वारा।‘ 23 सितंबर, 2021 को सात महीने की बच्ची अरिहा शाह को आकस्मिक चोट लगने के बाद जर्मनी के युवा कल्याण कार्यालय (जुगेंडमट) की कस्टडी में रखा गया था। वह तब से वहीं है। भारत का मानना रहा है कि बच्ची के लिए उसके भाषाई, धार्मकि, सांस्कृतिक और सामाजिक परिवेश में रहना महत्वपूर्ण है। इस साल 20 जुलाई को एक मीडिया ब्रीफिंग में विदेश मंत्रलय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा था कि बच्ची को भारत वापस लाना उसकी सांस्कृतिक और राष्ट्रीय पहचान के लिए महत्वपूर्ण है।

उन्होंने कहा था, ‘‘हमने बच्ची की सांस्कृतिक और राष्ट्रीय पहचान की रक्षा करने और उसकी भारत वापसी सुनिश्चित करने की अपनी इच्छा स्पष्ट कर दी है। हम इस संबंध में जर्मन अधिकारियों के साथ बातचीत कर रहे हैं।’ मामले पर एक सवाल का जवाब देते हुए बागची ने कहा, ’अलग-अलग समानांतर न्यायिक कार्यवाही चल रही है और हम उस पर कड़ी नजर रख रहे हैं।’ यहां तक कि विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भी पिछले साल दिसंबर में अपनी जर्मन समकक्ष एनालेना बेयरबॉक को इस बच्ची के बारे में अवगत कराया था।

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