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पंजाब में कंगना रनौत की फिल्म ‘Emergency’ का विरोध शुरू, पुलिस बल तैनात

Kangana Ranaut's Film Emergency

Kangana Ranaut's Film Emergency

Kangana Ranaut’s Film Emergency : शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) के सदस्यों द्वारा फिल्म अभिनेत्री और हिमाचल प्रदेश के मंडी से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सांसद कंगना रनौत की फिल्म ‘इमरजेंसी‘ का शुक्रवार को पंजाब भर में विरोध किया जा रहा है।

SGPC और अन्य सिख संगठनों के सदस्य पूरे राज्य में सिनेमा घरों के बाहर एकत्रित हो गए हैं। हालांकि चंडीगढ़ में रिलीज़ हो गई है जहां किसी प्रकार का विरोध नहीं किया जा रहा। सिख संगठनों के विरोध के मद्देनजर अमृतसर में पीवीआर सूरज चंदा तारा सिनेमा के बाहर भारी संख्या में पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया है। पटियाला, लुधियाना और मोहाली आदि में भी विरोध किया जा है। सिनेमा घरों में गुरूवार तक बुकिंग की जा रही थी जिसे आज रद्द कर दिया गया है।

उल्लेखनीय है कि फिल्म ‘इमरजेंसी‘ देश भर में आज रिलीज़ हो रही है जिसका SGPC ने कड़ा विरोध करते हुए पंजाब सरकार से फिल्म को पंजाब में प्रतिबंधित करने की मांग की है।

शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) के अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी ने गुरुवार को पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान को पत्र लिख कर फिल्म पर प्रतिबन्ध लगाने की मांग की गई थी। उन्होने कहा कि भाजपा सांसद कंगना रनौत द्वारा निर्मित फिल्म ‘इमरजेंसी‘ 17 जनवरी 2025 को पंजाब के वभिन्नि शहरों के सिनेमाघरों में रिलीज़ होने जा रही है और इसके लिए टिकटें भी बुक होनी शुरू हो गई हैं। उन्होंने कहा कि SGPC ने इस फिल्म के सम्बन्ध में पहले ही 28 सितम्बर 2024 को अंतरिम कमेटी के प्रस्ताव के माध्यम से पंजाब सरकार के मुख्य सचिव को पत्र लिख कर पंजाब में कंगना रनौत की फिल्म इमरजेंसी पर प्रतिबन्ध लगाने की मांग कर चुके हैं।

उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा कि फिल्म ‘इमरजेंसी‘ को पंजाब में चलने नहीं दिया जाएगा, क्योंकि यह सिखो को बदनाम करने के उद्देश्य से राजनीतिक तरीके से बनाई गई है।

धामी ने कहा कि एक प्रस्ताव के माध्यम से राज्य सरकार से मांग की गई थी कि वह पंजाब में इस फिल्म की रिलीज़ पर रोक लगाए लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण है की पंजाब सरकार ने अब तक कोई कदम नहीं उठाया है। यदि यह फिल्म 17 जनवरी 2025 को रिलीज़ होती है तो स्वाभाविक है की इससे सिख जगत में आक्रोश और गुस्सा पैदा होगा। उन्होंने कहा की फिल्म में 1984 में सिखों के पवित्र र्तीथस्थल सचखंड श्री दरबार साहिब, श्री अकाल तख्त साहिब और कई अन्य स्थानों पर घातक हमलों के साथ-साथ सिख नरसंहार और जनसंहार को दबाकर, राष्ट्र के खिलाफ जहर उगलने की भावना के साथ सिख विरोधी एजेंडे को आगे बढ़ाया गया है। इसके साथ ही फिल्म में सिखों के राष्ट्रीय शहीद संत जरनैल सिंह खालसा भिंडरांवाले को भी चित्रित किया गया है।

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