नेशनल डेस्क: केरल के कासरगोड स्थित श्री अनंतपद्मनाभ स्वामी मंदिर की झील एक बार फिर सुर्खियों में है। दरअसल इस झील में रहने वाली एकमात्र मादा मगरमच्छ बबिया की मौत के एक साल से ज्यादा समय के बाद यहां फिर से एक नया मगरमच्छ देखने को मिला है। मंदिर के पुजारियों ने इसकी पुष्टि कर दी है। वहीं बाबिया के बाद नया मगरमच्छ नजर आने को कुछ लोग चमत्कार तो कुछ लोग इसे बाबिया का पुर्नजन्म मान रहे हैं। हाल में देखा गया मगरमच्छ चौथा है। यह अभी बच्चा है और काफी कम उम्र का है।
मंदिर की इस झील में सिर्फ एक ही मगरमच्छ रहता है और इसे किसी ने यहां छोड़ा नहीं होता बल्कि यह खुद ही यहां कैेसे कब आता है कोई नहीं जानता। मंदिर के एक अधिकारी के मुताबिक, यह महत्वपूर्ण घटना है, क्योंकि झील में हमेशा एक ही मगरमच्छ होता है। मंदिर की वेबसाइट के मुताबिक, ‘जब एक मगरमच्छ की मौत हो जाती है तभी दूसरा अनिवार्य रूप से झील में प्रकट होता है, अबतक यह नहीं पता चला कि ऐसा क्यों होता है।
इससे पहले झील में रहने वाली मादा मगरमच्छ का नाम बाबिया था और उसे 9 अक्टूबर 2020 को मृत पाया गया था। बाबिया तीसरी मगरमच्छ थी और माना जाता है कि उसकी उम्र 70-80 साल की थी। बाबिया शाकाहारी थी और सिर्फ मंदिर का प्रसाद ही ग्रहण करती थी। वह काफी शांत स्वभाव की थी और प्रसाद खाने के बाद चुपचाप झील में चली जाती थी। बाबिया की मौत के बाद जब उसे दफनाया गया था और तब केरल के कई मंत्री और लोग उसके दर्शन करने पहुंचे थे।
मंदिर के अधिकारी के मुताबिक नए मगरमच्छ को 8 नवंबर को कुछ श्रद्धालुओं ने झील से सटी एक गुफा में देखा था जिसकी सूचना उन्होंने मंदिर प्रशासन को दी। मंदिर प्रशासन ने भी शनिवार को मगरमच्छ की मौजूदगी की पुष्टि कर दी। मंदिर के अधिकारी ने बताया कि यह मगरमच्छ कम उम्र का है. हमने इसकी सूचना मंदिर के तंत्री (मुख्य पुजारी) को दे दी है और वह अगले कदम के बारे में निर्णय लेंगे।