प्रयागराज। संगम की रेती पर बसने जा रही कुंभ नगरी में सनातन संस्कृति के ध्वजवाहक साधु-संन्यासियों के अखाड़ों के लिए भूमि आबंटन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इसके बाद अन्य संस्थाओं को भूमि आबंटन की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। अपर मेलाधिकारी विवेक चतुव्रेदी ने बताया कि प्रयागराज मेला प्राधिकरण, अखाड़ा परिषद और सभी अखाड़ों के प्रतिनिधियों से मिलकर परंपरा के अनुसार भूमि आबंटन का कार्य किया जा रहा है।
प्राधिकरण ने कहा है कि किसी भी सूरत में अखाड़ों को पिछले कुंभ से कम भूमि आबंटित नहीं की जाएगी। चतुव्रेदी ने बताया कि भूमि आबंटन का कार्य सभी अखाड़ों की सहमति से 18 और 19 नवंबर को पूरा कर लिया जाएगा तथा प्राधिकरण के अधिकारी अखाड़ा परिषद और अन्य सभी अखाड़ों के प्रतिनिधियों से अलग-अलग वार्ता कर इस प्रक्रिया को अंतिम रूप दे रहे हैं।
उन्होंने कहा कि परंपरा के अनुसार अखाड़ों को भूमि आबंटन के बाद ही अन्य संस्थाओं को भूमि आबंटन की प्रक्रिया शुरू होगी। चतुव्रेदी ने कहा कि चारों पीठों के शंकराचार्यों और दंडी स्वामियों को भी परंपरा के अनुसार ही शिविर लगाने के लिए भूमि आबंटित की जाएगी। अपर मेलाधिकारी ने कहा कि महाकुंभ के दौरान मेला प्राधिकरण समय-समय पर साधु-संतों की आवशय़कता के मुताबिक सुविधाएं उपलब्ध कराएगा। प्रयागराज में महाकुंभ मेला 14 जनवरी, 2025 को मकर संक्रांति के साथ शुरू होगा और 26 फरवरी, 2025 को महाशिवरात्रि तक जारी रहेगा।