Sanjay Gandhi Hospital का लाइसेंस निलंबन अन्यायपूर्ण कार्रवाई: वरुण गांधी

लखनऊ : सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाषा) के सांसद वरुण गांधी ने इलाज में कथित लापरवाही के चलते एक महिला की मौत के बाद संजय गांधी अस्पताल के लाइसेंस को निलंबित करने के मामले में शुक्रवार को उप मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर फैसले पर पुर्निवचार का अनुरोध किया और अस्पताल का लाइसेंस निलंबित करने को.

लखनऊ : सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाषा) के सांसद वरुण गांधी ने इलाज में कथित लापरवाही के चलते एक महिला की मौत के बाद संजय गांधी अस्पताल के लाइसेंस को निलंबित करने के मामले में शुक्रवार को उप मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर फैसले पर पुर्निवचार का अनुरोध किया और अस्पताल का लाइसेंस निलंबित करने को अन्यायपूर्ण कार्रवाई करार दिया। अमेठी जिले के मुंशीगंज थाना क्षेत्र में इलाज में कथित लापरवाही के चलते एक महिला की मौत के मामले में प्रशासन ने मंगलवार को संजय गांधी अस्पताल के लाइसेंस को निलंबित करते हुए ओपीडी (बा‘ रोगी विभाग), आपातकालीन समेत सारी सेवाओं पर रोक लगा दी।

वरुण गांधी ने सोशल मीडिया साइट ‘एक्स’ पर उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक को लिखे गये अपने पत्र को साझा करते हुए निलंबन के फैसले पर तंज कसते हुए पत्र में लिखा, ‘‘कथित चिकित्सकीय लापरवाही से जुड़ी हालिया घटना की गंभीरता को स्वीकार करते हुए इस मामले को आनुपातिकता और निष्पक्षता की भावना से देखना आवश्यक है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘स्वामित्व जैसे मुद्दे की अनदेखी के साथ किसी भी स्वास्थ्य केंद्र में दुखद घटनाएं सामने आ सकती हैं। व्यापक और निष्पक्ष जांच की अनुमति दिए बिना पूरे अस्पताल का लाइसेंस निलंबित करना जल्दबाजी और संभावित अन्यायपूर्ण कार्रवाई प्रतीत होती है।’’ उन्होंने ‘एक्स’ पर कहा, ‘‘गहन जांच के बिना, अमेठी में संजय गांधी अस्पताल के लाइसेंस का त्वरित निलंबन उन सभी व्यक्तियों के साथ अन्याय है जो न केवल प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं के लिए बल्कि अपनी आजीविका के लिए भी संस्थान पर निर्भर हैं। जवाबदेही महत्वपूर्ण है, यह जरूरी है कि निष्पक्षता और निष्पक्षता के सिद्धांतों को बरकरार रखा जाए।’’

पत्र में अस्पताल की विशेषता का जिक्र करते हुए वरुण गांधी ने कहा, ‘‘इस अस्पताल का शिलान्यास पूर्व प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी ने 1982 में किया था। यह कई दशकों तक अमेठी और इसके पड़ोसी जिलों में लोगों के लिए स्वास्थ्य देखभाल सहायता के एक दृढ़ स्तम्भ के रूप में खड़ा रहा है।’’ उन्होंने जोर देकर कहा, ‘‘अस्पताल के लाइसेंस निलंबन से क्षेत्र के स्वास्थ्य सेवा परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण शून्य पैदा हो जाएगा जिसका हमारे नागरिकों की भलाई पर गहरा प्रभाव पड़ेगा।’’ भाजपा सांसद ने उप मुख्यमंत्री से निलंबन के फैसले पर पुर्निवचार करने, निष्पक्ष जांच शुरू करने और यह सुनिश्चित करने का अनुरोध किया कि यह अस्पताल नौकरियों और शैक्षिक अवसरों की सुरक्षा के साथ समाज के लोगों को महत्वपूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना जारी रख सके। इससे संजय गांधी अस्पताल की प्रतिष्ठित ऐतिहासिक विरासत का भी संरक्षण होगा।

वरुण गांधी के पत्र के संदर्भ में पूछे जाने उप मुख्ज़्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘यह कार्रवाई सीएमओ स्ज़्तर पर जांच कराने के बाद की गयी है। अस्पताल के लोगों के खिलाफ सदोष मानव वध (304) के आरोप में मामला दर्ज किया गया है और बिना विशेषज्ञ चिकित्सक के रहते उपचार करने का मामला सामने आया है।’’ उन्होंने मामले को राजनीतिक और दलगत मानने से इनकार करते हुए कहा, ‘‘ऐसे सभी अस्पताल जिसने अवैध ढंग से या लापरवाही पूर्वक मरीज को मौत के मुंह में धकेला है, उसे नहीं बख्शेंगे बल्कि उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेंगे और पूरे प्रदेश में लगातार कड़ी कार्रवाई जारी रहेगी।’’ वरुण गांधी पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के पौत्र और संजय गांधी के पुत्र हैं। दिवंगत संजय गांधी अमेठी से सांसद रह चुके हैं।

संजय गांधी अस्पताल का संचालन संजय गांधी मेमोरियल ट्रस्ट, दिल्ली द्वारा किया जाता है। कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी इस ट्रस्ट की अध्यक्ष हैं, जबकि पार्टी नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी इसके सदस्य हैं। स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा महकमा संभाल रहे उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने रविवार को मामले का संज्ञान लिया था। उन्होंने सोशलमीडिया साइट ‘एक्स’ पर कहा था, ‘‘सीएमओ (मुख्ज़्य चिकित्सा अधिकारी) अमेठी ने मेरे निर्देश पर संजय गांधी अस्पताल, मुंशीगंज में डॉक्टरों की लापरवाही से महिला की मौत के मामले की तीन सदस्यीय समिति द्वारा तत्काल प्रारंभिक जांच कराई।’’ पाठक ने कहा था, ‘‘प्रारंभिक जांच में पाई गई कमियों के आधार पर अस्पताल प्रशासन को क्लीनिकल (अधिनियम) के तहत स्पष्टीकरण देने के लिए नोटिस जारी करने का आदेश दिया गया है। स्पष्टीकरण प्राप्त होने के बाद गुण-दोष के आधार पर अस्पताल प्रशासन के खिलाफ कठोर कार्रवाई करते हुए उक्त अस्पताल का पंजीकरण निरस्त कर उसे सील किए जाने की कार्रवाई भी की जाएगी।’’ उन्होंने कहा था कि अस्पताल प्रशासन को नये मरीजों को भर्ती न करने के सख्त निर्देश दिए गए हैं।

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