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Maha Kumbh 2025 : ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के ज्ञनकुंभ में अध्यात्म, संस्कृति का संगम

Maha Kumbh 2025

Maha Kumbh 2025

Maha Kumbh 2025 : प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ-2025 में प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के ज्ञनकुंभ में अध्यात्म, प्रकृति और संस्कृति के संगम को अनुभव किया जा सकता है। महाकुंभ नगर के सेक्टर सात में 10 जनवरी से शुरू हुए इस विशेष शिविर को ‘‘ब्रह्माकुमारीज स्र्विणम भारत ज्ञनकुंभ’’ नाम दिया गया है। यहां व्यवस्था से जुड़े लोग बताते हैं कि ‘‘मौनी अमावस्या (29 जनवरी) के दिन हुए दुखद हादसे की पीड़ा से एक-दो दिन जरूर इस शिविर में सन्नाटा रहा मगर अब आगंतुकों की आमद ने फिर से लय पकड़ ली है। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के मीडिया संभाग के प्रमुख बीके कोमल ने कहा कि ‘स्र्विणम भारत ज्ञनकुंभ’ कई मायनों में अनोखा है। उन्होंने कहा, ‘‘यहां चार युगों के दर्शन के साथ सनातन संस्कृति से राम राज्य की परिकल्पना वाले स्र्विणम भारत की झलक मन को मोह लेती है। 200 चलचित्रों वाला मॉडल नए भारत का रूप प्रर्दिशत करता है।’’ ‘ज्ञनकुंभ’ में स्र्विणम भारत के आठ स्तंभ स्थापित किए गए हैं और आठों स्तंभों में सूत्र लिखे गये हैं।

आठ सूत्र लोगों को जीवन की राह दिखाते हैं

शुरुआत व्यसन मुक्त समाज से की गयी और हर स्तंभ पर एक मंत्र दिया गया है। भाईचारा और एकता, प्रकृति की देखभाल, आहार की शुद्धता, नैतिक नेतृत्व व चरित्र निर्माण, समृद्ध शिक्षा और सुशासन यह आठ सूत्र लोगों को जीवन की राह दिखाते हैं। ज्ञनकुंभ में भारत मां की प्रतिमा भी स्थापित की गई है। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर से आये श्रद्धालु किशन कुमार (45) ने कहा कि शिविर में कलयुग से स्र्विणम युग की ओर ले जाने का दृश्य मन को शक्ति देता है। उन्होंने कहा, ‘‘हम दो दिनों से मेला क्षेत्र में घूम रहे हैं और अब तक इस तरह का ज्ञनवर्धक कार्यक्रम कहीं नहीं देखा। बीके कोमल ने बताया कि प्रजापिता ईश्वरीय विश्वविद्यालय एक आध्यात्मिक संस्था है और विश्व के करीब 140 देशों में इसकी नौ हजार से अधिक शाखाएं हैं।

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