Site icon Dainik Savera Times | Hindi News Portal

वैश्विक आर्थिक सुधार को कायम रखना बड़ी चुनौती : Nirmala Sitharaman

नयी दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज कहा कि जब दुनिया कोविड-19 और इसके प्रभावों, खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन के साथ ही अन्य कारणों से हुई तबाही से गुजर रही है जो वैश्विक स्तर पर गंभीर स्थिति पैदा कर रही हैं , ऐसे समय में वैश्विक आर्थिक सुधार को कायम रखना एक बड़ी चुनौती है। श्रीमती सीतारमण ने आज यहां आयोजित बी-20 इंडिया शिखर सम्मेलन में सतत वैश्विक आर्थिक सुधार के लिए प्रमुख प्राथमिकताओं पर सत्र को संबोधित करते हुये कहा कि इन चिंताओं के अलावा, प्रत्येक देश की अलग स्थिति होती है जिसे उनकी अर्थव्यवस्थाओं के पुनर्निर्माण के लिए विशिष्ट प्रबंधन की आवश्यकता होती है।

उन्होंने पांच प्रमुख प्राथमिकताओं पर प्रकाश डालते हुये कहा कि ये वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं को निरंतर सुधार के रास्ते पर लाने के लिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि सबसे पहले मुद्रास्फीति पर काबू पाना होगा जिसमें उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि केंद्रीय बैंकों के सामने मुद्रास्फीति को नियंत्रण में रखते हुए विकास की प्रधानता को ध्यान में रखना है। दूसरी प्राथमिकता विकास को गति देने के लिए निवेश, विशेषकर भौतिक संपत्तियों में सार्वजनिक निवेश पर जोर देना है जबकि तीसरी प्राथमिकता शिक्षा और स्वास्थ्य में निवेश बढ़ाना है। उन्होंने जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए वित्त के मुद्दे को चौथी प्राथमिकता बताया, जबकि आखिरी प्राथमिकता विकास को मजबूत करने के लिए आपूर्ति श्रृंखलाओं के विविधीकरण पर आधारित है।

वित्त मंत्री ने कहा कि भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के रूप में उभरा है। इसने प्रभावशाली प्रदर्शन किया है , निवेश बढ़ा है और चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में जीडीपी में मजबूत आंकड़े आने की उम्मीद है।
श्रीमती सीतारमण न कहा कि भारत का मजबूत प्रदर्शन भौतिक, डिजिटल और सामाजिक बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए पिछले नौ वर्षों में लागू किए गए कई आर्थिक सुधारों का परिणाम है। राष्ट्रीय अवसंरचना पाइपलाइन, पीएम गति शक्ति, राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन आदि जैसे कदम बुनियादी ढांचे के विकास को बढ़ावा देने के लिए सराहनीय पहल रहे हैं।

उन्होंने कहा कि सार्वजनिक पूंजीगत व्यय में 33 प्रतिशत की वृद्धि, जिसके कारण निजी निवेश में वृद्धि हुई है, ने भारत को निरंतर विकास पथ पर ला दिया है। उन्होंने कहा कि कई देशों ने भारत के डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे और इंडिया स्टैक से सीखने में गहरी रुचि दिखाई है, जिसने भारत ब्रांड को ऊपर उठाया है। उन्होंने मुक्त व्यापार संधि (एफटीए) का उल्लेख करते हुये कहा कि ब्रिटेन के साथ एफटीए समझौता अंतिम निर्णय के बहुत करीब है, जिसे साल के अंत तक पूरा किया जा सकता है।

Exit mobile version