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बंगाल में ममता का जंगलराज चल रहा है: भाजपा

नयी दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने पश्चिम बंगाल में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों पर हुए हमले को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर आज तीखा हमला किया और कहा कि राज्य में लोकतंत्र की हत्या हो चुकी है और सुश्री बनर्जी का जंगल राज चल रहा है। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव भाटिया ने पार्टी के केन्द्रीय कार्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में पश्चिम बंगाल में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों पर हुए हमले को शर्मनाक करार देते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल में कानून व्यवस्था ध्वस्त है और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी मस्त हैं।


उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के गुंडों और अवैध रोहिंग्या घुसपैठियों द्वारा ईडी अधिकारियों पर हमले किये गए, जो बहुत ही चिंताजनक है। सुश्री बनर्जी को मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठने का कोई हक नहीं है और उन्हें तत्काल अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।


श्री भाटिया ने कहा कि पश्चिम बंगाल में लोकतंत्र की हत्या हो चुकी है और सुश्री बनर्जी जंगल राज का पर्याय बन चुकी हैं। जबकि, एक मुख्यमंत्री पदभार ग्रहण करते वक्त संविधान की शपथ लेता है कि वह संविधान का पालन करते हुए संविधान और कानून की रक्षा करेगा। सुश्री ममता बनर्जी ने भी भारतीय संविधान की शपथ ली थी। पश्चिम बंगाल में घोटालों को रोकने की जिम्मेदारी उनकी है लेकिन कानून का पालन करते हुए जब प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारी पश्चिम बंगाल में घोटालों की जांच करने जाते हैं तो उन पर जानलेवा हमले होते हैं।


ममता सरकार के काले कारनामों को उजागर करते हुए श्री भाटिया ने कहा कि 2 मई 2021 को जब पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव के परिणाम घोषित हो रही थी, उस दौरान राज्य में हिंसा, बलात्कार, हत्या और घर जलाने जैसी घटनाएं भरी संख्या में हुई। क्योंकि राज्य के सभी गुंडों को मुख्यमंत्री का संरक्षण प्राप्त था। श्री भाटिया ने कहा कि जब ईडी टीम ने तृणमूल कांग्रेस के नेता शाहजहां शेख के आवास पर छापा मारने जा रही थी, तब ईडी टीम ने स्थानीय पुलिस से संपर्क भी किया, इसके बावजूद स्थानीय पुलिस ने उन्हें सुरक्षा नहीं दी।

सुश्री बनर्जी पर भ्रष्टाचार को सरंक्षण देने का आरोप लगाते हुए उन्होंने सवाल पूछे कि यह मामला शाहजहां शेख का है, लेकिन उन्हें शह कौन दे रहा है? ये खुद को कानून से ऊपर समझते हैं क्या? ममता बनर्जी को गलतफहमी हो गई है कि कानून के रक्षक और ईमानदारी से काम करने वाले अधिकारियों को गुंडे पीट कर डरा देंगे। जब कानून का डंडा चलेगा तो मुख्यमंत्री किसी भी गुंडे को बचा नहीं पाएंगी। यह लड़ाई ‘कानून के डंडे और ममता के गुंडे’ के बीच में है, जिसमें जीत निश्चित ही कानून की होगी।

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