नेशनल डेस्क: एक ससुर अपनी बहू की लाश को बांस के डंडे पर लटकाए सड़कों पर घूमता दिखा। हर कोई इस दृश्य को देखकर हैरान रह गया लेकिन इसके पीछे की जब दर्दनाक कहानी को जिसने भी सुना उसका दिल पसीज गया। दिल को झकझोर देने वाला यह मामला उत्तर प्रदेश के प्रयागराज का है।
चद्दर में लिपटा,पिता व पति के कंधे पर, बांस में टंगा ग़रीब बेटी का शव, एम्बुलेंस क्या, टिकटी तक नसीब नहीं।
किसी ने रिक्शा करा दिया, अंतिम संस्कार कैसे होगा तो छोड़िए।
डबल इंजन,अमृतकाल या रामराज्य?#Prayagraj pic.twitter.com/KbcCC9viXj
— Surya Pratap Singh IAS Rtd. (@suryapsingh_IAS) October 14, 2023
यहां रहने वाली एक महिला की मौत हो गई, परिजन उसे इलाज के लिए अस्पताल नहीं लेकर गए बल्कि, झाड़-फूंक करने वाले ओझा के पास ले गए। वहां पहुंचते ही महिला की मौत हो गई। इसके बाद महिला का शव, उसके सास-ससुर और बेटे ने कपड़े में लपेटा और एक डंडे में बांध दिया, फिर डंडे को दोनों तरफ से पकड़ा और पैदल ही सड़कों पर चलते गए।
लोगों ने रोककर जब पूछताछ की तो उन्हें मामला समझ आया और फिर इसकी सूचना पुलिस को दी ई। परिवार ने पुलिस को बताया कि वे लोग बनारस के रहने वाले हैं लेकिन उनका अपना न तो कोई घर है। वह लोग खानाबदोश की जिंदगी जीते हैं। पेड़ के पत्तों से दोना बनाने का काम करके या फिर कभी-कभी भीख मांगकर जो भी पैसे मिलते हैं, उसी से गुजारा करते हैं।
घर में वह शख्स (ससुर) उसकी पत्नी, बेटा-बहू और पोता हैं। बहू अचानक बीमार हो गई तो परिवार को किसी ने प्रयागराज के एक ओझा के बारे में बताया, उनके पास जितने भी रुपए थे, उससे उन्होंने टैक्सी बुक की और यहां पहुंचे लेकिन बहू की मौत हो गई। परिवार के पास वापिस बनारस जाने के लिए रुपए नहीं बचे थे इसलिए शव को कपड़े में बांध बांस से लटकाकर पैदल ही जा रहे थे ताकि नजदीक के किसी शमशान घाट पर उसका अंतिम संस्कार कर सकें। लोगों ने कुछ रुपए इकट्ठे किए और परिवार को दिए ताकि शव का अंतिम संस्कार कर सकें और वापस बनारस जा सकें।