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पत्रकार से दिल्ली के उपमुख्यमंत्री बने मनीष सिसोदिया अपनी सीट छोड़ क्या जंगपुरा के लोगों का दिल जीत पाएंगे, पढ़िए कैसा रहा है उनका सियासी सफर

Manish Sisodia Political Journey : दिल्ली में जंगपुरा विधानसभा सीट से आम आदमी पार्टी के टिकट पर मनीष सिसोदिया चुनावी मैदान में हैं। मनीष सिसोदिया आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं और दिल्ली के उपमुख्यमंत्री रह चुके हैं। उनका राजनीतिक सफर संघर्षों से भरा रहा है। मनीष सिसोदिया का जन्म 5 जनवरी 1972 को उत्तर.

Manish Sisodia Political Journey : दिल्ली में जंगपुरा विधानसभा सीट से आम आदमी पार्टी के टिकट पर मनीष सिसोदिया चुनावी मैदान में हैं। मनीष सिसोदिया आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं और दिल्ली के उपमुख्यमंत्री रह चुके हैं। उनका राजनीतिक सफर संघर्षों से भरा रहा है।

मनीष सिसोदिया का जन्म 5 जनवरी 1972 को उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले में हुआ था। पिता धरमपाल सिंह पेशे से एक शिक्षक थे और मां गृहिणी थीं। सिसोदिया ने दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री प्राप्त की और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया। करियर की शुरुआत एक पत्रकार के रूप में की थी और एफएम रेडियो में भी काम किया है। मनीष सिसोदिया की शादी सीमा सिसोदिया से 1998 में हुई थी, जो एक पूर्व आईटी प्रोफेशनल हैं और अब एक पूर्णकालिक गृहिणी हैं। दंपति के बेटे का नाम मीर सिसोदिया है।

भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन से आम आदमी पार्टी का टिकट-

मनीष सिसोदिया का राजनीतिक जीवन 2011 में अन्ना हजारे के भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन से जुड़कर आगे बढ़ा। यहां उन्होंने अरविंद केजरीवाल के साथ काम किया। आंदोलन के बाद दोनों ने मिलकर आम आदमी पार्टी का गठन किया। इसके बाद 2013 में हुए विधानसभा चुनाव में मनीष सिसोदिया पटपड़गंज से आम आदमी पार्टी के टिकट पर चुनावी मैदान में उतरे और जीत हासिल की। 2015 और 2020 के चुनावों में भी लगातार इस सीट पर जीत दर्ज की। हालांकि, इस बार वह पटपड़गंज के बजाय जंगपुरा से चुनाव लड़ रहे हैं। इसे लेकर तमाम तरह के कयास भी लगाए जा रहे हैं और मुख्य वजह उन आंकड़ों को बताया जा रहा है जिन्होंने पिछली बार सिसोदिया की परेशानी पर बल डाल दिया था। बमुश्किल सीट बचा पाए थे।

भाजपा के रविंद्र सिंह नेगी के मुकाबले पिछड़ रहे थे। कांटे की टक्कर में सिसोदिया 3,207 वोट के अंतर से जीत पाए थे। इस सियासी संग्राम में रविंद्र सिंह नेगी ने अपने प्रदर्शन से सबका ध्यान अपनी ओर खींचा था। उन्हें बीजेपी ने रिपीट किया है।

दिल्ली शराब नीति घोटाले में नाम-

मनीष सिसोदिया का नाम कथित दिल्ली शराब नीति घोटाले में सामने आया था, जिसमें उन पर आरोप था कि उन्होंने शराब नीति में बदलाव कर कुछ शराब ठेकेदारों को फायदा पहुंचाया। इसके कारण उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया गया था और उपमुख्यमंत्री तथा शिक्षा मंत्री के पद से इस्तीफा देना पड़ा था। हालांकि, सिसोदिया ने इन आरोपों को झूठा और राजनीतिक साजिश बताया है।

बतौर शिक्षा मंत्री-

इससे पहले मनीष सिसोदिया के शिक्षा मंत्री के रूप में किए गए कार्यों को काफी सराहा गया। उन्होंने दिल्ली के सरकारी स्कूलों में शिक्षा व्यवस्था में कई सुधार किए, जिससे दिल्ली के स्कूलों की गुणवत्ता में उल्लेखनीय वृद्धि हुई। उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में जो बदलाव किए, उससे वह जनता के बीच लोकप्रिय हुए।

जंगपुरा विधानसभा सीट से लड़ेंगे चुनाव-

मनीष सिसोदिया अब जंगपुरा विधानसभा सीट से अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। उनके समर्थकों का मानना है कि उनका अनुभव और शिक्षा के क्षेत्र में किए गए योगदान को देखते हुए, वह इस चुनाव में भी सफलता प्राप्त करेंगे। यह देखना दिलचस्प होगा कि राजनीति में उनका अनुभव और उन पर लगे आरोप के बाद जनता उन्हें कितना समर्थन देती है।

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