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PM मोदी, एस जयशंकर समेत कई नेताओं ने सरदार पटेल की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की

नई दिल्ली। देश के लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की आज पुण्यतिथि है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, विदेश मंत्री एस जयशंकर समेत कई नेताओं ने सरदार वल्लभभाई पटेल की पुण्यतिथि पर रविवार को उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा, ‘देश के लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल को उनकी पुण्यतिथि पर शत-शत नमन। उनका व्यक्तित्व और कृतित्व राष्ट्र की एकता, अखंडता और विकसित भारत के संकल्प की सिद्धि के लिए देशवासियों की प्रेरणा शक्ति बना रहेगा। ‘अमित शाह ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, ‘भारत की एकता के प्रतीक, लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की पुण्यतिथि पर उनका स्मरण कर उन्हें नमन करता हूं। सरदार पटेल ने 550 से अधिक रियासतों का एकीकरण कर आधुनिक भारत के निर्माण की आधारशिला रखी। राष्ट्रीय एकता और अखंडता के प्रति उनके समर्पण ने एक भारत, श्रेष्ठ भारत की मजबूत नींव रखी। सरदार साहब का विराट व्यक्तित्व और राष्ट्र निर्माण का संकल्प, राष्ट्रहित को सर्वोपरि रखने वालों के लिए अनंत काल तक ध्रुव तारे के समान मार्गदर्शक बना रहेगा।‘

वहीं विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, ‘सरदार पटेल को उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित करें। उन्हें राष्ट्र के प्रति उनकी महान सेवा, उनके प्रशासनिक कौशल और राष्ट्र की एकता के प्रति उनकी अटूट प्रतिबद्धता के लिए हमेशा याद किया जाएगा। ‘उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, ‘आधुनिक भारत के शिल्पकार, किसान हितचिंतक, लौह पुरुष भारत रत्न सरदार वल्लभ भाई पटेल जी की पुण्यतिथि पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि! राष्ट्र की एकता, अखंडता और संप्रभुता को विराट स्वरूप प्रदान करने में उनके योगदान एक भारत-श्रेष्ठ भारत के निर्माण हेतु सदैव प्रेरित करते रहेंगे।‘

बता दें कि देश के लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की आज पुण्यतिथि है। 15 दिसंबर 1950 को दिल का दौरा पड़ने से सरदार वल्लभभाई पटेल का निधन हो गया था। गुजरात के नाडियाद में 31 अक्टूबर 1875 में जन्में सरदार वल्लभभाई पटेल अपने माता-पिता की 6 संतानों में से चौथी संतान थे। उन्होंने 22 साल की उम्र में मैट्रिक की परीक्षा पास कर ली थी। फिर पटेल ने खुद के खर्चे पर पढ़ाई की योजना बनाई और इंग्लैंड जाकर बैरिस्टर बनने का सपना पाला और उसे पूरा किया।

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