न्यूज प्वाइंट इंडिया बनाम भारत मसले पर मायावती ने कहा, यह विवाद सत्ता और विपक्ष की मिलीभगत

लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने बुधवार को देश का नाम भारत और इंडिया विवाद को सत्ता पक्ष और विपक्ष की मिलीभगत बताया है। उनका कहना है कि इस लड़ाई के चलते देश के जरूरी मुद्दों को नजरअंदाज किया जा रहा है। बसपा मुखिया मायावती ने बुधवार को लखनऊ में पत्रकारों को.

लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने बुधवार को देश का नाम भारत और इंडिया विवाद को सत्ता पक्ष और विपक्ष की मिलीभगत बताया है। उनका कहना है कि इस लड़ाई के चलते देश के जरूरी मुद्दों को नजरअंदाज किया जा रहा है। बसपा मुखिया मायावती ने बुधवार को लखनऊ में पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि संविधान को बदलने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि देश के नाम को लेकर अपने संविधान के साथ छेड़छाड़ करने का मौका भाजपा के एनडीए को खुद विपक्ष ने एक सोची समझी रणनीती के तहत अपने गठबंधन का नाम इंडिया रखकर दिया है।

उन्होंने कहा, यह भी कहा जा सकता है कि यह सब सत्ता और विपक्ष अंदरूनी रूप से मिलकर कर रहे हैं, इसकी भी आशंका है। उन्होंने कहा कि इंडिया गठबंधन के खिलाफ एनडीए गठबंधन और भाजपा को सुप्रीम कोर्ट जाना चाहिए था। इस मामले में कानून बनाकर संबंधित नाम पर प्रतिबंध लगा देना चाहिए था। लेकिन जानबूझकर इस पर राजनीति की जा रही है। मायावती ने कहा, ‘हमारी पार्टी की मांग है कि सुप्रीम कोर्ट को इसका संज्ञान लेकर ऐसे गठबंधन के नामों पर रोक लगाना चाहिए जो अपने देश के नाम पर बने हैं। संविधान से छेड़छाड़ गलत है, यह सब भाजपा की साजिश है।

भीमराव अंबेडकर के संविधान से सभी जाति धर्म के लोगों को लगाव है। इसे बदलकर भाजपा सबकी भावनाओं को आहत कर रही है। क्या ये न्याय संगत है? विपक्ष ने भी एक रणनीति के तहत अपने गठबंधन का नाम इंडिया रखा है।‘ उन्होंने कहा, ‘ये जो कुछ भी हो रहा है, वो सोच समझकर सत्ता पक्ष और विपक्ष कर रहा है। मुझे इसकी आशंका है। सपा की सोच धन्ना सेठ वाली है। ये गरीबों के खिलाफ सोचते हैं।‘

बता दें कि केंद्र सरकार ने देश के नाम इंडिया की जगह भारत को प्रचलन में लाने की शुरुआत कर दी है। इसे लोकसभा चुनाव 2024 के लिए विपक्षी गठबंधन के नाम इंडिया से भी जोड़कर देखा जा रहा है। कांग्रेस का कहना है कि मोदी सरकार विपक्षी गठबंधन से इतना डर गई है कि अब देश का ही नाम बदल देना चाहती है। जबकि संविधान के पहले ही अनुच्छेद में लिखा है कि इंडिया दैट इज भारत।

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