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मीनाक्षी अग्रवाल की पेंटिंग्स प्रदर्शनी ‘हार्मनी ऑफ पंचतत्व’ की गई आयोजित

नई दिल्ली: देश की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में ‘हार्मनी ऑफ पंचतत्व’ थीम पर पेंटिंग प्रदर्शनी कला प्रेमियों को आकर्षित कर रही है।यह पेंटिंग प्रदर्शनी ललीत कला अकादमी में लगी है। ब्रह्मांड की संरचनाओ, मानवीय संबंधों, मूल्यों और भावनाओं को कागज पर उतारने की कोशिश की है। पेंटिंग प्रदर्शनी में अलग-अलग थीमों का समागम है ।.

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नई दिल्ली: देश की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में ‘हार्मनी ऑफ पंचतत्व’ थीम पर पेंटिंग प्रदर्शनी कला प्रेमियों को आकर्षित कर रही है।यह पेंटिंग प्रदर्शनी ललीत कला अकादमी में लगी है। ब्रह्मांड की संरचनाओ, मानवीय संबंधों, मूल्यों और भावनाओं को कागज पर उतारने की कोशिश की है। पेंटिंग प्रदर्शनी में अलग-अलग थीमों का समागम है ।

कलाकार मीनाक्षी अग्रवाल ने बताया कि भावनाओं को शब्दों में नहीं पिरोया जा सकता, मगर जब भावनाएं शब्दों का रूप धरती हैं तो एक-एक शब्द बोलता है। हम ब्रह्मांड के विशाल कैनवास पर एक छोटे से कण समान है। फिर भी यह कण जैसा हर सबसे छोटा परमाणु है जो हमारी मौजूदा दुनिया को संपूर्ण बनाता है। हम ब्रह्मांड हैं और ब्रह्मांड हम हैं। और हर अस्तित्व का हर पहलू अंततः प्रकृति की विशालता है। कुछ भी, हर चीज़ प्रकृति के पाँच तत्वों, पंचतत्व से घिरा हुआ है। हम इन्हें अपनी पांच इंद्रियों के साथ अनुभव करते हैं, और हम अपने अस्तित्व के हर पल यह महसूस करते हैं कि हम इन तत्वों, अग्नि, वायु, जल, आकाश या अंतरिक्ष और पृथ्वी के साथ एक हैं। जैसे-जैसे सार्वभौमिक अस्तित्व और हमारी पहचान के बारे में हमारी जागरूकता बढ़ती है, हम उन पहलुओं के करीब होते हैं जिन्हें हम अपनाते हैं। मीनाक्षी अग्रवाल ने अपनी वर्तमान प्रदर्शनी ‘हार्मनी ऑफ पंचतत्व’ में प्रकृति के तत्वों के बारे में अपने अनुभवों को कैनवस पर उकेरा है।

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