Site icon Dainik Savera Times | Hindi News Portal

चक्रव्यूह में फंसाकर मनरेगा की सुनियोजित इच्छामृत्यु की साजिश : Jairam Ramesh

नई दिल्लीः कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने शुक्रवार को मनरेगा की सामाजिक लेखा परीक्षा इकाई की फंडिंग में देरी को लेकर सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यह योजना को चक्रव्यूह में फंसाकर योजनाबद्ध तरीके से इच्छामृत्यु देने के अलावा और कुछ नहीं है। एक्स, पूर्व में ट्विटर पर एक पोस्ट में, रमेश ने कहा, ‘ग्राम सभा द्वारा सामाजिक ऑडिट जवाबदेही लागू करने, पारदर्शतिा बढ़ाने के लिए और मूल रूप से भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम का एक अनिवार्य हिस्सा है। वे । प्रत्येक राज्य में एक स्वतंत्र सामाजिक ऑडिट है, जिसे केंद्र द्वारा सीधे वित्त पोषित किया जाता है, ताकि इसकी स्वायत्तता को संरक्षित किया जा सके। हाल ही में इस फंडिंग में अत्यधिक देरी हो रही है।’

‘परिणामस्वरूप, सामाजिक ऑडिट समय पर नहीं हो पाता है, और सामाजिक ऑडिट प्रक्रिया से समझौता हो जाता है, जिसे बाद में मोदी सरकार द्वारा राज्यों को धन देने से इनकार करने के लिए एक बहाने के रूप में उपयोग किया जाता है, जो बदले में वेतन भुगतान आदि को प्रभावित करता है।’ राज्यसभा सांसद ने कहा, ’यह और कुछ नहीं, बल्कि मनरेगा को चक्रव्यूह में फंसाकर योजनाबद्ध इच्छामृत्यु है।’ रमेश ने एक समाचार रिपोर्ट संलग्न करते हुए कहा। कांग्रेस महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) योजना को लेकर सरकार की आलोचना करती रही है।

Exit mobile version