रांची: झारखंड उच्च न्यायालय ने बुधवार को कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को ‘मोदी उपनाम’ मामले से संबंधित मानहानि याचिका पर सुनवाई करने वाली रांची की विशेष अदालत के समक्ष व्यक्तिगत रूप से पेश होने से राहत दी।
न्यायमूर्ति संजय कुमार द्विवेदी की अदालत ने वायनाड से सांसद गांधी की याचिका पर सुनवाई करते हुए उन्हें कुछ शर्तों पर निचली अदालत में अपने वकील के माध्यम से प्रतिनिधित्व करने की अनुमति दे दी। उच्च न्यायालय ने गांधी को चेतावनी दी कि उनकी अनुपस्थिति में जिन गवाहों से पूछताछ की गई, उनसे बाद में दोबारा पूछताछ नहीं की जाएगी।
यह मामला 2019 में यहां एक लोकसभा चुनाव रैली में गांधी की ‘सभी मोदी चोर हैं’ टिप्पणी के लिए शहर के वकील प्रदीप मोदी द्वारा दायर मानहानि के मुकदमे से संबंधित है। जिला अदालत ने वकील के बयान दर्ज करने के बाद गांधी के खिलाफ संज्ञान लिया था और उन्हें व्यक्तिगत रूप से पेश होने के लिए समन जारी किया था।
इसके बाद गांधी ने निचली अदालत के समक्ष एक याचिका दायर कर व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट का अनुरोध किया जिसे तीन मई को खारिज कर दिया गया। कांग्रेस नेता ने इसके बाद व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट की मांग करते हुए उच्च न्यायालय का रुख किया, जिसने बुधवार को उन्हें अनुमति दे दी।