मप्र: पटाखा इकाई में विस्फोट और आग के बाद बिखरे शव, क्षतिग्रस्त हुए घर

प्रदेश के राजधानी भोपाल से लगभग 150 किलोमीटर दूर हरदा शहर के बाहरी इलाके बैरागढ़ में स्थित पटाखा कारखाने में हुए इस धमाके के कारणों का फिलहाल पता नहीं चल सका है।

हरदा, (मप्र): ‘बिखरे हुए शव, टूटे फूटे घर और चारों तरफ बिखरा मलबा तथा बदहवास भागते लोग.. यह मध्यप्रदेश के हरदा शहर में मंगलवार का मंजर था, जहां एक पटाखा कारखाने में विस्फोट और भयानक आग लगने की घटना में 11 लोगों की मौत हो गयी तथा 174 अन्य घायल हो गये।

प्रदेश के राजधानी भोपाल से लगभग 150 किलोमीटर दूर हरदा शहर के बाहरी इलाके बैरागढ़ में स्थित पटाखा कारखाने में हुए इस धमाके के कारणों का फिलहाल पता नहीं चल सका है।

सोशल मीडिया पर प्रसारित वीडियो में देखा जा सकता है कि वहां रुक-रुक कर विस्फोट होते रहे और धमाकों की आवाजें घटनास्थल से कई किलोमीटर दूर तक सुनी गई। वहां धुएं का गुबार चारों तरफ फैल गया था और दमकल कर्मी आग बुझाने में लगे हुए थे।

प्रदेश सरकार के मंत्री राव उदय प्रताप सिंह को हरदा ले जा रहे हेलीकॉप्टर से शूट किए गए वीडियो में दिखाया गया कि कारखाना मलबे में तब्दील हो गया है।

प्रत्यक्षर्दिशयों के मुताबिक, कारखाने में विस्फोट के बाद मौके पर कई शव पड़े हुए हैं, जबकि कई लोग लापता बताए जा रहे हैं। घटना के वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आए, जिसमें इकाई में रुक-रुक कर विस्फोट होते दिख रहे हैं और लोग खुद को बचाने के लिए भाग रहे हैं।

विस्फोटों की तीव्रता इतनी अधिक थी कि पीड़ितों के शरीर के अंग घटनास्थल से काफी दूर जा गिरे और कुछ वीडियो में लोगों को मानव अवशेषों जैसी दिखने वाली चीजों को इकट्ठा करते देखा जा सकता है। विस्फोट के दौरान लापता हुए आठ साल के एक लड़के के असहाय पिता राजू ने कहा, “मैं अब तक अपने बेटे को नहीं ढूंढ पाया हूं।” उसने कहा कि वह कारखाने में काम करता है और उसका बेटा उसे खाना देने के लिए वहां आया था।

राजू ने कहा, ‘‘ मेरे बेटे गणेश ने मुझे दोपहर का खाना दिया। तभी वहां पहला विस्फोट हुआ। वह वहां से भागा, लेकिन मुझे वह अब तक नहीं मिला है।’’ राजू ने कहा कि कारखाने में 150 से अधिक लोग काम करते हैं और वह भाग्यशाली हैं कि वे सुरक्षित बच गये। धमाके में घायल हुई कारखाने की एक अन्य कर्मचारी रुखसार बानो ने कहा कि पहले विस्फोट के समय जमीन हिल गई थी।

उन्होंने कहा, “जब हमने धमाका सुना तो हम घबराकर भागे और इमारत से बाहर आए। वहां चारों ओर आग लगी हुई थी।” बानो ने दावा किया, इमारत में तीन से चार मंजिल थीं और प्रत्येक मंजिल पर अलग-अलग श्रमिकों को नियुक्त किया गया था। मेरी मंजिल पर महिलाएं और बच्चे थे। मेरे सहकर्मी के तीन बच्चे लापता हैं। मैंने कुछ बच्चों और अन्य लोगों को मृत अवस्था में पड़ा देखा।” प्रत्यक्षर्दिशयों ने दावा किया कि विस्फोटों में जो सामग्री टुकड़े-टुकड़े हो गई थी, वह घटनास्थल से गुजर रहे वाहनों पर गिरी और विस्फोटों की आवाज 20 से 25 किमी दूर तक सुनी गई।

कुछ लोगों ने भागते समय भी आग का वीडियो बनाया, जबकि कुछ ने घरों की छतों से घटनास्थल की झलक देखी। स्थानीय निवासियों ने कहा कि कारखाने के पास स्थित कुछ घर भी क्षतिग्रस्त हो गए। प्रत्यक्षर्दिशयों ने कहा कि हालांकि यह इलाका घनी आबादी वाला नहीं है लेकिन आसपास 30 से 40 घर हैं और दुर्भाग्यपूर्ण कारखाना ज्यादातर खुले मैदानों से घिरा हुआ है।

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