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MP Vikramjit Sahney ने अनुदान की अनुपूरक मांगो के बिल पर उठाए मुद्दे

नई दिल्ली : पंजाब से राज्यसभा सांसद विक्रम साहनी ने संसद में पेश अनुदान की अनुपूरक मांग विधेयक पर सवाल उठाए। कृषि पर साहनी ने मांग की कि एमएसपी और सीएसीपी समिति में पंजाब का प्रतिनिधित्व होना चाहिए। वहीं गेहूं और चावल के अलावा अन्य फसलों पर भी एमएसपी मिलनी चाहिए के लिए साहनी ने उदाहरण दिया कि मक्के पर एमएसपी 2090 रुपए है, लेकिन असल में मक्का पंजाब की मंडियों में 700-1,000 प्रति टन बिक रहा है ।

साहनी ने सुझाव दिया कि वायु प्रदूषण के मामले में एक दूसरे पर दोष मढ़ने के बजाय, नवीकरणीय ऊर्जा में उपयोग के लिए पराली को हटाने और एकत्र करने के लिए हैप्पी सीडर, बेलर जैसी फसल अवशेष मशीनें उपलब्ध कराने के लिए उपयुक्त बजटीय प्रावधान किए जाने चाहिए। उर्वरकों के संबंध में, साहनी ने पिछली तिमाही में उर्वरक सब्सिडी में 30% की कटौती पर चिंता व्यक्त की और मांग की कि किसानों को उर्वरकों की अधिकतम उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए जनवरी में इसकी समीक्षा की जानी चाहिए।

उन्होंने कहा कि भारत की प्रति व्यक्ति आय पड़ोसी देशों जैसे बांग्लादेश, मालदीव और भूटान से भी कम है और शीर्ष 10% आबादी के पास भारत की 72% संपत्ति है। इस असमानता को कम करने के लिए श्री साहनी ने सरकार से उचित कदम उठाने का आह्वान किया। विश्व बैंक की रिपोर्ट के अनुसार, कोविड के बाद 5.6 करोड़ भारतीय गरीबी रेखा के नीचे आ गए है। साहनी ने कहा कि आवश्यक वस्तुओं की कीमतें बढ़ रही हैं और आम नागरिकों की पहुंच से बाहर हो रही हैं।

साहनी ने उल्लेख किया कि महंगाई विशेषकर खाद्य महंगाई बहुत अधिक है। उन्होंने मैकडॉनल्ड्स द्वारा अप्रभावी कीमतों के कारण अपने खाद्य पदार्थों से टमाटर को हटाने का उदाहरण दिया। उच्च शिक्षा के लिए 649 करोड़ की अनुपूरक मांग का समर्थन करते हुए, साहनी ने कहा कि शिक्षा के लिए इतने बड़े अनुदान को से समर्थन करते है परंतु कौशल विकास के लिए इस बिल में शायद ही कोई अतिरिक्त आवंटन है और राज्य कौशल विकास मिशन के लिए आवंटन पिछले दो वर्षों में लगातार घट रहा है। उन्होंने कहा कि पंजाब को कौशल विकास के लिए आवंटन 92% से घटाया गया ।

साहनी ने कहा कि बिल में मूल्य स्थिरीकरण कोष के लिए कोई और धनराशि आवंटित नहीं की गई है। साहनी ने खाद्य और सार्वजनिक वितरण के लिए 7,000 करोड़ के अतिरिक्त आवंटन की मांग का समर्थन करते हुए मांग की कि सरकार को कोल्ड चेन बुनियादी ढांचे और खाद्य प्रसंस्करण में अधिक निवेश करना चाहिए क्योंकि 40% सब्जियां और फल बर्बाद हो रहे हैं। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण की पूरक मांग पर साहनी ने कहा कि भारत के अस्पतालों में प्रति 1,000 की आबादी पर केवल 10 बेड हैं और और इसमें से भी केवल 30% ग्रामीण क्षेत्रों में हैं। उन्होंने अधिकतम लाभार्थियों तक पहुंचने के लिए आयुष्मान भारत योजना में जांच करने की भी मांग की।

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