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गौरवशाली विरासत को पहचानने की आवश्यकता: धनखड़

नयी दिल्ली: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने भारत की पांच हजार वर्षों से अधिक पुरानी गौरवशाली सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर जोर देते हुए शनिवार को कहा कि कलाकारों का पोषण और समर्थन किया जाना चाहिए। धनखड़ ने यहां संगीत नाटक अकादमी के पुरस्कार वितरण समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि मीडिया.

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नयी दिल्ली: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने भारत की पांच हजार वर्षों से अधिक पुरानी गौरवशाली सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर जोर देते हुए शनिवार को कहा कि कलाकारों का पोषण और समर्थन किया जाना चाहिए। धनखड़ ने यहां संगीत नाटक अकादमी के पुरस्कार वितरण समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि मीडिया को भारतीय सांस्कृतिक विरासत को पहचानना चाहिए और कलाकारों की रक्षा, समर्थन तथा पोषण करना चाहिए। उन्होंने कहा कि राष्ट्र की सांस्कृतिक विरासत और गौरव को बरकरार रखने के लिए कलाकारों ने महत्वपूर्ण योगदान किया है। समारोह में 75 वर्ष से अधिक आयु के 85 कलाकारों को सम्मानित किया गया।

इस अवसर पर कानून एवं न्याय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, संस्कृति राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी, संगीत नाटक अकादमी की अध्यक्ष डॉ. संध्या पुरेचा, संस्कृति मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी, देश भर के प्रतिष्ठित कलाकार और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। अनुभवी कलाकारों को सांस्कृतिक विरासत का सच्चा रक्षक और वास्तुकार बताते हुए श्री धनखड़ ने कहा कि उनके अमूल्य योगदान को बहुत पहले ही मान्यता दी जानी चाहिए थी। उन्होंने जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान वैश्विक मंच पर भारतीय संस्कृति के शानदार प्रदर्शन की भी सराहना की और विश्वास जताया कि सही नेतृत्व के साथ, भारत 2047 में वैश्विक मंच पर अपने शिखर पर पहुंचेगा।

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