नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने राष्ट्रीय पात्रता एवं प्रवेश परीक्षा (नीट) परीक्षा आयोजित करने के विरोध में तमिलनाडु में पचास दिनों में 50 लाख हस्ताक्षर कराने का अभियान शुरू करने की राज्य के मंत्री उदयनिधि स्टालिन की घोषणा के खिलाफ दायर एक याचिका मंगलवार को खारिज कर दी। न्यायमूर्ति सूर्य कांत और न्यायमूर्ति के वी विश्वनाथन की पीठ ने याचिकाकर्ता एम एल रवि से यह कहते हुए याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया कि ऐसे मुद्दे को जनहित याचिका के तहत नहीं उठाया जाना चाहिए।
पीठ यह भी कहा कि विद्यार्थी (नीट परीक्षा देने वाले) इतने भोले नहीं हैं, जितना उन्हें समझा जाता है। वे हस्ताक्षर अभियान के इसके पीछे का मकसद और एजेंडा समझते हैं। पीठ ने हस्ताक्षर अभियान पर कहा, “इस तरह के अभियान किसी भी नीति को प्रभावित नहीं करते हैं… अखिल भारतीय आधार पर इस तरह की प्रतियोगी परीक्षा आयोजित की जानी है। अभियान से कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है…लोगों को कहने दीजिए।”