Site icon Dainik Savera Times | Hindi News Portal

एनजीओ टेरर फंडिंग मामले में NIA ने कश्मीर में स्वतंत्र पत्रकार को किया गिरफ्तार

श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने एक स्वतंत्र पत्रकार को कथित तौर पर आतंकवादी फंडिंग मामले में गिरफ्तार किया है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि श्रीनगर के एक स्वतंत्र पत्रकार और शोधकर्ता इरफान महराज को एनआईए ने सोमवार शाम को नई दिल्ली स्थित एनआईए पुलिस थाने में दर्ज एक प्राथमिकी के आधार पर गिरफ्तार किया है। यह प्राथमिकी वर्ष 2021 में दर्ज की गयी थी और मानवाधिकार कार्यकर्ता खुर्रम परवेज को गिरफ्तार किया गया था। इरफान पूर्व में खुर्रम के नेतृत्व वाले एक प्रमुख अधिकार समूह जम्मू-कश्मीर गठबंधन ऑफ सिविल सोसाइटी (जेकेसीसीएस) के शोधकर्ता था।

सूत्रों ने बताया कि इरफान को दिल्ली भेज दिया गया है। एनआईए ने उसकी गिरफ्तारी पर कोई बयान जारी नहीं किया है। इरफान को टीआरटी वर्ल्ड और विभिन्न राष्ट्रीय और स्थानीय मीडिया में काम करते देखा गया है। उन्होंने बताया कि यह मामला कश्मीर घाटी में आतंकवादी गतिविधियों के लिए हवाला के माध्यम से एनजीओ द्वारा जम्मू-कश्मीर में धन के हस्तांतरण से संबंधित है। प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि केंद्र सरकार को विश्वसनीय जानकारी मिली थी कि कुछ गैर सरकारी संगठन, ट्रस्ट और सोसायटी, पंजीकृत और गैर-पंजीकृत, दान तथा विभिन्न कल्याण के नाम पर दान, व्यापार योगदान, सार्वजनिक स्वास्थ्य, शिक्षा आदि जैसी गतिविधियों के जरिए देश और विदेश में धन एकत्र कर रहे हैं।

एफआईआर में कहा गया है कि इनमें से कुछ एनजीओ के लश्कर-ए-तैयबा, हिज्ब-उल-मुजाहिदीन आदि जैसे प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों से संबंध हैं। कश्मीर घाटी में अलगाववादी और आतंकवादी गतिविधियों को बनाए रखने के लिए कैश कूरियर, दिल्ली, जम्मू और कश्मीर और भारत के अन्य हिस्सों में स्थित हवाला व्यापारियों जैसे चैनल के जरिए इन गैर सरकारी संगठनों, ट्रस्टों और सोसायटी आदि द्वारा एक बड़ी साजिश रची गई जो कि देश की एकता, अखंडता, संप्रभुता और सुरक्षा के लिए हानिकारक है।

पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने पत्रकार की गिरफ्तारी की आलोचना करते हुए आरोप लगाया कि पत्रकारों को सच बोलकर अपना कर्तव्य निभाने के लिए गिरफ्तार किया जाता है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘जहां कश्मीर में ठगों को खुली छूट दी जाती है, वहीं इरफान महराज जैसे पत्रकारों को सच बोलकर अपना कर्तव्य निभाने के लिए गिरफ्तार किया जाता है। गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) जैसे कठोर कानूनों का लगातार दुरुपयोग किया जाता है ताकि यह प्रक्रिया ही सजा बन जाए।’’

Exit mobile version