नई दिल्ली: केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने गुजरात में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मास्युटिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (एनआईपीईआर), अहमदाबाद के स्थायी परिसर का उद्घाटन किया। इस अवसर पर गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल और केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
अपने संबोधन में अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी की कल्पना के अनुसार एनआईपीईआर ज्ञान, शिक्षा, अनुसंधान और व्यापार को जोड़ने वाले सेतु बनकर भारत को फार्मास्युटिकल क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की नींव रखने का काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि लगभग 60 एकड़ भूमि पर 8 भवनों में फैला एनआईपीईआर गांधीनगर, ना केवल भारत बल्कि दुनियाभर में औषधि के क्षेत्र में मानव जीवन को स्वस्थ और संपूर्ण बनाने के लिए बहुत बड़ा योगदान देगा। शाह ने कहा कि पिछले 3 वर्षों से एनआईपीईआर गांधीनगर देश के शीर्ष 10 फार्मेसी संस्थानों में शुमार है और नया भवन बनने से प्रथम स्थान पर आने से अब इसे कोई नहीं रोक सकता।
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि गांधीनगर विद्याभ्यास के वायुमंडल वाला क्षेत्र है। यहां लॉ यूनिवर्सिटी, नेश्नल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी, रक्षा शक्ति यूनिवर्सिटी, दीन दयाल पेट्रोलियम यूनिवर्सिटी हैं, और, आज एनआईपीईआर भी शुरू हो रहा है जिससे यहां के सभी शिक्षण संस्थानों को एक नई ऊर्जा मिलेगी। शाह ने कहा कि एनआईपीईआर का लक्ष्य औषधि शिक्षा ही नहीं बल्कि अनुसंधान के क्षेत्र में भी दुनिया का शीर्ष संस्थान बनना होना चाहिए। उन्होंने कहा कि जब तक अनुसंधान के क्षेत्र में भारत महारत हासिल नहीं करता है, तब तक हम विश्व में औषधि निर्माण के क्षेत्र में अपना दबदबा नहीं बना सकते। शाह ने कहा कि एनआईपीईआर गांधीनगर उत्कृष्टता के एक प्रसिद्ध केन्द्र के रूप में स्थापित हो चुका है और आने वाले दिनों में ये और आगे बढ़ेगा। एनआईपीईआर की स्थापना शिक्षा, अनुसंधान, गुणवत्ता और उत्कृष्टता का केन्द्र बनाकर इसे उत्पादन और जनसेवा के साथ जोड़ने के उद्देश्य की गई है। उन्होंने कहा कि फार्मेसी एक ऐसा क्षेत्र है जिसमें शिक्षा सिर्फ व्यक्ति को फायदा नहीं पहुंचाती बल्कि मानव जीवन को स्वस्थ और सुदीर्घ बनाने के लिए भी उपयोगी साबित होती है। उन्होंने कहा कि यहां पढ़ने वाले विद्यार्थी ना सिर्फ अपना जीवन अच्छा बनाएंगे बल्कि करोड़ों लोगों के स्वस्थ जीवन का भी कारण बनेंगे।