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कोई भी देश अपनी पचास प्रतिशत आबादी की उपेक्षा करके आगे नहीं बढ़ सकता: मुर्मू

जैसलमेर: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने महिला सशक्तीकरण को अपने आप में महत्वपूर्ण बताते हुए कहा है कि कोई भी देश अपनी पचास प्रतिशत आबादी की उपेक्षा करके आगे नहीं बढ़ सकता। श्रीमती मुर्मू शनिवार को यहां शहीद पूनम सिंह स्टेडियम में आयोजित लखपति दीदी सम्मेलन में बोल रही थीं। उन्होंने कहा कि महिला सशक्तीकरण अपने आप में महत्वपूर्ण है। महिला सशक्तीकरण और महिलाओं की वर्क फोर्स में सामान भागीदारी, सामाजिक और आर्थिक प्रगति में भी अहम योगदान देती है। कोई भी देश अपनी 50 प्रतिशत आबादी की उपेक्षा करके आगे नहीं बढ़ सकता।

उन्होंने कहा कि महिलाओं को अधिक आर्थिक स्वायत्तता, व्यक्तिगत स्वतन्त्रता और राजनीतिक शक्ति प्राप्त हो, इस दिशा में केन्द्र सरकार हरसंभव प्रयास कर रही है। सरकार ने वर्क फोर्स में महिलाओं की भागीदारी और उनके रोजगार की गुणवत्ता में सुधार के लिए कई कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि अभी महिला सशक्तीकरण की यात्रा में बहुत आगे जाना है। आज भी सामाजिक और आर्थिक क्षेत्रों में जेंडर के आधार पर प्राथमिकता जैसी समस्याएं बनी हुई हैं। महिलाओं को ओनरशिप व प्रोपर्टी राइट्स के लिए संघर्ष करना पड़ता है, जिसकी वजह से उन्हें क्रेडिट व लोन या मिलने में कठिनाई होती है।

राष्ट्रपति ने कहा कि महिलाएं आर्थिक विकास को गति प्रदान करें तथा वूमेन लेड डेवलपमेंट की सोच को कार्यरूप दें, यह सबकी ज़िम्मेदारी है। जागरूकता, शिक्षा और कौशल विकास को आधार बनाकर हमें आगे बढ़ना होगा, जिससे महिला और पुरुष दोनों ही आर्थिक प्रगति करते हुए देश, समाज और विश्व-कल्याण में बराबर के साझीदार बनें।

श्रीमती मूर्मू ने कहा “मुझे विश्वास है कि इस लखपति दीदी सम्मेलन से महिला सशक्तीकरण और समावेशी आर्थिक विकास को प्रोत्साहन मिलेगा। मैं कामना करती हूं कि सभी बहनें आर्थिक रूप से समृद्ध और सामाजिक रूप से सशक्त होते हुए राजस्थान और भारत की प्रगति में अपना योगदान देती रहें।”

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