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इस राज्य की सरकार ने हॉकी खिलाड़ी को 1 करोड़ रुपये का इनाम देने की घोषणा की

भोपाल। भारतीय पुरुष हॉकी टीम से पेरिस ओलंपिक में कांस्य पदक जीता है। इससे पहले भारतीय टीम ने टोक्यो 2020 में 41 साल का सूखा समाप्त कर भी कांस्य पदक जीता था। हॉकी के ओलंपिक इतिहास में लगातार दूसरी बार भारत के ब्रॉन्ज मेडल जीतकर परचम लहराया है। इस टीम में मध्यप्रदेश के हॉकी खिलाड़ी विवेक सागर प्रसाद भी शामिल हैं। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने शुक्रवार को हॉकी खिलाड़ी विवेक सागर प्रसाद को 1 करोड़ रुपये का इनाम देने की घोषणा की। दो बार के ओलंपियन विवेक सागर नर्मदापुरम जिले के इटारसी के निवासी हैं। वह भारतीय राष्ट्रीय टीम के लिए मिडफील्डर के रूप में खेलते हैं। इससे पहले, उन्होंने टोक्यो ओलंपिक और अब पेरिस ओलंपिक में कांस्य पदक जीता है।

सीएम यादव ने कहा, “यह बेहद खुशी की बात है कि हमारी हॉकी टीम ने ओलंपिक में पदक जीता है। हमारी हॉकी टीम ने 52 साल बाद लगातार कांस्य पदक जीता है। मैं पेरिस ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने पर टीम को बधाई देता हूं। मध्य प्रदेश में हमारी खुशी दोगुनी हो जाती है क्योंकि हमारे खिलाड़ी विवेक सागर उस टीम का हिस्सा थे।” सीएम ने कहा, “हमारी पिछली सरकार ने पिछले ओलंपिक में पदक जीतने पर उन्हें डीएसपी के पद से सम्मानित किया था। पिछली बार भी उन्हें एक करोड़ रुपये और एक घर दिया गया था। हम इस बार भी उन्हें एक करोड़ रुपये देंगे। मैं भारतीय हॉकी टीम के सभी खिलाड़ियों को बधाई देता हूं।”

सीएम यादव ने वीडियो कॉल कर दी थी टीम को बधाई
सीएम यादव ने वीडियो कॉल पर सागर से बात की और पेरिस ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने पर उन्हें बधाई दी। कप्तान हरमनप्रीत सिंह के दो गोल और पीआर श्रीजेश के आसान बचाव ने पेरिस ओलंपिक में भारत को यवेस डू मनोइर स्टेडियम में स्पेन पर 2-1 से जीत के साथ कांस्य पदक दिलाया। तीसरे क्वार्टर के अंतिम मिनट में स्पेन को लगा कि उन्होंने बराबरी कर ली है। लेकिन बिल्डअप के दौरान गेंद मार्क रेकासेंस के हाथों में चली गई, जिसके कारण गोल को नकार दिया गया।

अंतिम क्वार्टर में स्पेन ने बराबरी के लिए अपनी कोशिश जारी रखी और भारत ने अपनी बढ़त बनाए रखने के लिए अपना रक्षात्मक रुख बरकरार रखा। जैसे-जैसे खेल अपने चरम पर पहुंचा, पूरे स्टेडियम में “इंडिया जीतेगा” के नारे गूंजने लगे। भारतीय प्रशंसकों की मौजूदगी के बीच स्पेन ने कई बार उनके डिफेंसिव दरवाजे पर दस्तक दी, लेकिन उनकी कोशिशें बेकार गईं।

अंतिम 40 सेकंड में, आखिरी मौके पर, स्पेन को पेनल्टी कॉर्नर मिला, जिससे उन्हें बराबरी करने का मौका मिला, लेकिन श्रीजेश ने शानदार बचाव करते हुए भारत के लिए कांस्य पदक पक्का कर दिया।

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