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NSF निदेशक सेतुरमन पंचनाथन, कई अन्य भारतीय-अमरीकी ‘नैशनल एकैडमी ऑफ इंजीनियरिंग’ में चुने गए

वाशिंगटन: अमरीका में ‘नैशनल साइंस फाऊंडेशन’ के निदेशक सेतुरमन पंचनाथन और कई अन्य प्रतिष्ठित भारतीय-अमरीकी वैज्ञानिकों को प्रतिष्ठित ‘नैशनल एकैडमी ऑफ इंजीनियरिंग’ के लिए चुना गया है। नैशनल एकैडमी ऑफ इंजीनियरिंग (एनएई) एक स्वतंत्र, गैर-लाभकारी संस्थान है जो राष्ट्र की सेवा में इंजीनियरिंग के क्षेत्र में नेतृत्व प्रदान करता है। इसके लिए चुने गए भारतीय-अमरीकी वैज्ञानिकों में ब्लूम एनर्जी के रवि पराशर और ब्राउन विश्वविद्यालय की तेजल देसाई शामिल हैं।

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), चेन्नई के टी. प्रदीप इस शीर्ष अमरीकी इंजीनियरिंग संस्थान में चुने गए 21 नए अंतर्राष्ट्रीय सदस्यों में इकलौते भारतीय वैज्ञानिक हैं। इसके साथ ही एनएई में अमरीकी सदस्यों की संख्या 2,310 और अंतरराष्ट्रीय सदस्यों की संख्या 332 पर पहुंच गई है। नैशनल एकैडमी ऑफ इंजीनियरिंग के लिए चुने जाना किसी इंजीनियर को दिए जाने वाले सर्वोच्च पेशेवर सम्मान में से एक है।

एनएई ने कहा कि दीपक पारेख इंस्टीट्यूट के चेयर प्रोफैसर और आईआईटी चेन्नई में रसायन विज्ञान के प्रोफैसर टी. प्रदीप को क्लस्टर रसायन विज्ञान में योगदान और किफायती पेयजल समाधान की खोज और कार्यान्वयन के लिए अंतर्राष्ट्रीय सदस्य के रूप में चुना गया है। एनएई के नए सदस्यों के चुनाव के साथ ही एक साल लंबी प्रक्रिया का समापन हो गया है। इन नव निर्वाचित सदस्यों को एनएई की 29 सितंबर 2024 को होने वाली वार्षकि बैठक में औपचारिक रूप से ‘नैशनल एकैडमी ऑफ इंजीनियंिरंग’ में शामिल किया जाएगा।

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