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नहीं रहीं सबसे उम्रदराज छात्रा कार्तियानी अम्मा, 96 साल की आयु में शुरू की थी पढ़ाई…राष्ट्रपति ने किया था सम्मानित

नेशनल डेस्क: सबसे उम्रदराज छात्रा बनकर इतिहास रचने वाली 101 साल की कार्तियानी अम्मा अब इस दुनिया में नहीं रही हैं । कार्तियानी अम्मा का 10 अक्टूबर 2023) को निधन हो गया। उनको केंद्र सरकार ने नारी शक्ति पुरस्कार से सम्मानित किया था। कार्तियानी अम्मा ने केरल राज्य साक्षरता मिशन के तहत 96 साल की उम्र में पढ़ाई शुरू की थी। कार्तयायनी अम्मा ने न केवल दक्षिणी राज्य के साक्षरता मिशन के तहत 96 साल की उम्र में सबसे उम्रदराज छात्रा होने के लिए प्रसिद्धि हासिल की थी, बल्कि चौथी कक्षा के समकक्ष परीक्षा ‘अक्षरलक्षम’ परीक्षा में दो विषयों में पूरे नंबर और लिखने में 40 में से 38 उच्चतम अंक हासिल करने के लिए भी प्रसिद्धि हासिल की थी।

 

कार्तियानी अम्मा का राज्य के तटीय अलाप्पुझा जिले के चेप्पाड गांव में उनके आवास पर निधन हुआ। वे लंबे समय से बीमार थी और कथित तौर पर स्ट्रोक के चलते उनका निधन हो गया। कात्यायनी अम्मा का नाम मीडिया की सुर्खियों में तब आया जब 2018 में केरल सरकार की साक्षरता मिशन प्रोग्राम में वह सबसे अधिक उम्र की शिक्षार्थी बनीं। उनके इस शानदार प्रदर्शन पर राज्य के सीएम पीनराई विजयन ने उनको सम्मानित किया था।

कभी नहीं गईं थीं स्कूल

कात्यायनी अम्मा अपने पूरे जीवन में स्कूल नहीं गई थीं। वह घरेलू सहायिका और सफाई कर्मचारी के रूप में काम करती थीं। 96 साल की उम्र में पढ़ाई का आइडिया कहां से आया जब उनसे सवाल किया तो उन्होंने कहा था कि उनकी बेटी अम्मिनी अम्मार ने 10वीं क्लास तक पढ़ाई की थी। वह अपनी बेटी से प्रभावित हुईं और उन्होंने ठाना कि वह भी पढ़ाई करेंगी।

 

कात्यायनी अम्मा को बाद में कॉमनवेल्थ ऑफ लर्निंग गुडविल एंबेसडर के रूप में चुना गया. मार्च 2020 में, उनको अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने नारी शक्ति पुरस्कार से पुरुस्कृत किया था। इस साल गणतंत्र दिवस पर कर्तव्य पथ पर केरल की झांकी में उनकी मूर्ति का इस्तेमाल किया गया था। उनकी तस्वीर के जरिए केरल ने देशभर की महिलाओं को साक्षरता और सशक्तिकरण का संदेश दिया था।

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