हैदराबाद: AIMIM के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने रविवार को कहा कि ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ की अवधारणा देश में बहुदलीय संसदीय लोकतंत्र और संघवाद के लिए त्रासदी होगी और ऐसा लगता है कि इस पर विचार करने के लिए समिति का गठन बस औपचारिकता है। केंद्र सरकार ने एकसाथ चुनाव कराने की संभावनाएं खंगालने के लिए पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति बनायी है।
ओवैसी ने ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट किया, ‘‘ यह उस समिति की नियुक्ति की अधिसूचना है जो एक राष्ट्र, एक चुनाव पर गौर करेगी। यह स्पष्ट है कि यह बस औपचारिकता है और सरकार पहले ही इस दिशा में आगे बढ़ने का निर्णय ले चुकी है। एक राष्ट्र, एक चुनाव बहुदलीय संसदीय लोकतंत्र और संघवाद के लिए त्रासदी होगी।’’ उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को आगामी विधानसभाचुनावों के कारण एलपीजी के दाम घटाने पड़े और वह एक ऐसा परिदृश्य चाहते हैं जहां यदि वह चुनाव जीत जाएं तो वह बिना किसी जवाबदेही के अगले पांच साल ‘जनविरोधी’ नीतियां के साथ निकाल दें।
उन्होंने दावा किया कि प्रस्ताव अपने आप में ही संविधान की मूल भावना और संघवाद के विपरीत है। उन्होंने कहा कि समिति का कार्यक्षेत्र मतदाताओं की इच्छा के विरूद्ध है तथा यह जनता की आवाज को पराजित करेगा एवं यह कृत्रिम कवायद है।