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झारखंड में 19,086 एकड़ इलाके में अफीम की खेती नष्ट, 190 लोग गिरफ्तार

रांची: झारखंड में इस वर्ष 19,086 एकड़ क्षेत्र में अफीम की खेती नष्ट की गई है। इस दौरान अवैध धंधे में संलिप्त 190 लोगों को गिरफ्तार किया गया। इन मामलों में कुल 283 एफआईआर दर्ज की गई है। यह आंकड़ा शुक्रवार को राज्य सरकार के निर्देश पर चलाए जा रहे अफीम विनष्टिकरण अभियान की हाई लेवल रिव्यू मीटिंग के दौरान सामने आया।

रिव्यू मीटिंग की अध्यक्षता करते हुए राज्य की मुख्य सचिव अलका तिवारी ने कहा कि पोस्ते (अफीम) की खेती के खिलाफ अभियान का सकारात्मक परिणाम दिख रहा है। सरकार ने शत-प्रतिशत फसल नष्ट कर दी जाए, इसे हर हाल में सुनिश्चित करना है। अभियान से जुड़े अधिकारी आपसी समन्वय को और मजबूत तथा कारगर करें।

मुख्य सचिव ने कहा कि जितनी एफआईआर दर्ज हुई है, उस हिसाब से इस अवैध धंधे में संलिप्त की गिरफ्तारी की संख्या कम है। जो लोग इस तरह की खेती कर रहे हैं या करवा रहे हैं, उनकी गिरफ्तारी के साथ-साथ उन्हें सजा दिलाने पर भी पुलिस फोकस करें।

उन्होंने कहा कि कुछ जगहों पर अभी भी पोस्ते की फसल लगी होने की सूचना है। ऐसे में इस अभियान को 15 मार्च तक जारी रखा जाएगा। उन्होंने पोस्ते की खेती का भौतिक सत्यापन के साथ सैटेलाइट की सहायता से भी प्रभावित क्षेत्र को चिन्हित करने का निर्देश दिया।

समीक्षा के दौरान बताया गया कि सबसे अधिक खूंटी में 10,520 एकड़ में लगी पोस्ते की फसल को नष्ट किया गया है। दूसरे स्थान पर रांची जिला है, जहां 4,624 एकड़ में लगी पोस्ते की फसल नष्ट की गई है। सबसे कम पलामू में 396 एकड़ में अफीम की खेती नष्ट की गई है।

गौरतलब है कि झारखंड के कुल आठ जिलों चतरा, खूंटी, लातेहार, रांची, पलामू, चाईबासा, सरायकेला और हजारीबाग में अफीम की खेती चिन्हित की गई है। इस दौरान पुलिस प्रमुख अनुराग गुप्ता ने पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे वन विभाग द्वारा पोस्ते की खेती को लेकर की गई कार्रवाई की रिपोर्ट को आधार बना कर संबंधित लोगों पर एफआईआर दर्ज करें।

समीक्षा के दौरान गृह विभाग की प्रधान सचिव वंदना डाडेल, कृषि सचिव अबु बक्कर सिद्दिकी, पंचायती राज विभाग के सचिव विनय कुमार चौबे समेत संबंधित प्रमंडलों के आईजी, संबंधित जिलों के एसपी और डीसी समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।

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