जयपुर। राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि उनकी सरकार ने विदेश में राजस्थान के बच्चों की पढ़ाई के लिए राजीव गांधी स्कॉलरशिप शुरू की थी, जिससे 500 बच्चे विदेश में जाकर पढ़ सकें। गहलोत ने गुरुवार को जारी बयान में कहा कि जैसे बाबा साहब अम्बेडकर को बड़ौदा के महाराज ने विदेश पढ़ने भेजा था। वर्तमान में उनकी पहचान भारत के संविधान निर्माता के रूप में है। इसी प्रकार हमारे राज्य के विद्यार्थी विदेश पढ़कर आते और कोई वैज्ञानिक बनता, कोई टेक्नोक्रेट बनता, कोई सूचना तकनीक में विशेषज्ञ बनता और राज्य के लिए अच्छे मानव संसाधन तैयार होते।
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार बदलने के बाद से ही भारतीय जनता पार्टी (BJP) सरकार ने बिना परिणाम सोचे योजनाओं को रोकना और कमजोर करना शुरू कर दिया। इसका नतीजा यह हुआ कि राजीव गांधी स्कॉलरशिप के माध्यम से विदेश पढ़ने गए बच्चों की फीस और वहां रहने का खर्च अटक गया एवं वे विदेश में मजबूरी भरी जिंदगी जी रहे हैं। जब वहां आजीविका के लिए ही संघर्ष करना पड़ेगा तो वे पढ़ाई कैसे करेंगे।
गहलोत ने कहा कि सत्ताधारी पार्टी बदलने से सरकार की जिम्मेदारी समाप्त नहीं होती है। ये बच्चे सरकार की योजना पर भरोसा करके दूसरे देश पढ़ने गए थे। सरकार इस तरह काम करेगी तो जनता का भरोसा सरकार से उठ जाएगा। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे पता नहीं कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को योजनाओं में बाधा पहुंचाने के कारण शिक्षा, स्वास्थ्य सहित अलग-अलग क्षेत्रों में जनता को आ रही परेशानी के बारे में जानकारी है भी या नहीं।
मैं शर्मा से आग्रह करना चाहूंगा कि यदि इस योजना में कोई सुधार की आवश्यकता है तो वह करवाएं, परन्तु जो विद्यार्थी विदेश में पहुंच गए हैं उनकी राशि अविलंब जारी करें और जिन बच्चों को विदेश में प्रवेश मिल गया है, लेकिन वे राशि न मिल पाने के कारण यहां अटके हुए हैं, उन्हें भी तुरंत राशि दी जाए जिससे वे आगे बढ़ सकें।