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कौन है भीम सिंह भावेश जिन्हें मुसहर जाति के उत्थान के लिए मिला पद्म श्री? पढ़िए…

Padma Shri Bhim Singh Bhavesh

Padma Shri Bhim Singh Bhavesh

Padma Shri Bhim Singh Bhavesh : बिहार की सात हस्तियों को पद्म पुरस्कारों से सम्मानित किया जाएगा, जिनमें भीम सिंह भावेश भी शामिल हैं। उन्होंने पद्म श्री मिलने पर खुशी जाहिर की। उन्होंने कहा कि मैंने कभी नहीं सोचा था कि इतने बड़े पुरस्कार से मुझे सम्मानित किया जाएगा।

भीम सिंह भावेश ने कहा, ‘पद्म श्री सम्मान मिलना मेरे लिए खुशी की बात है। मैं पिछले 20 वर्षों से सामाजिक सेवा के क्षेत्र में कार्य कर रहा हूं। मैंने बिहार की मुसहर जाति के लिए काम किया है, जो सबसे गरीब माने जाते हैं। वह शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक सुरक्षा के मामले में बहुत ही पिछड़े हुए हैं।‘

उन्होंने मन की बात का जिक्र करते हुए कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में मन की बात एपिसोड में मेरे कार्यों की सराहना की थी। इसी के चलते मुझे गणतंत्र दिवस समारोह में आमंत्रित किया गया था। मुझे शनिवार शाम पद्म पुरस्कार से सम्मानित होने के बारे में सूचना मिली। मैं यह सम्मान पाकर काफी खुश हूं और आने वाले दिनों में अपने क्षेत्र में और भी उत्साह के साथ काम करूंगा।‘

भीम सिंह भावेश ने पीएम मोदी का आभार जताया। उन्होंने कहा, ‘मैं पहले कभी सोच नहीं सकता था कि एक छोटा सा प्रयास करने वाले आदमी को पद्म श्री पुरस्कार मिलेगा। पीएम मोदी की बड़े-बड़े कार्य करने वालों में ही रुचि नहीं है बल्कि वह चाहते हैं कि समाज में सबका सर्वांगीण विकास हो। वह छोटे स्तर पर कार्य करने वाले लोगों को भी उत्साहित करते हैं। यह पीएम मोदी की दूरदर्शी सोच का परिणाम है। मैं समझता हूं कि यह वही रास्ता है, जब साल 2047 में भारत विश्व का सबसे बेहतर अर्थव्यवस्था वाला देश बनेगा। मैं इसके लिए पीएम मोदी को धन्यवाद देता हूं।‘

बिहार के पत्रकार भीम सिंह भावेश ने अपने सामाजिक कार्यों से बिहार का मान बढ़ाया है। वह बिहार के आरा जिले के रहने वाले हैं। पीएम मोदी ने मन की बात के 110वें एपिसोड में भीम सिंह भावेश की विशेष चर्चा करते हुए कहा था कि बिहार के भोजपुर में भीम सिंह भावेश ने अपने क्षेत्र के मुसहर जाति के लोगों के लिए बहुत काम किया है।

बता दें कि भीम सिंह भावेश अब तक मुसहर जाति के आठ हजार बच्चों का दाखिला स्कूल में करा चुके हैं और एक बड़ी लाइब्रेरी भी बनवाई है। इनके स्थापित पुस्तकालय के माध्यम से अब तक सवा सौ से अधिक बच्चे एनएमएमएस (राष्ट्रीय आय सह मेधा छात्रवृत्ति) का वजीफा पा रहे हैं।

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