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संसद सुरक्षा चूक : भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद के नाम पर बने छह व्हाट्सएप ग्रुप का हिस्सा थे आरोपी

नयी दिल्ली: संसद की सुरक्षा में सेंधमारी मामले में गिरफ्तार किये गये आरोपी भगत सिंह और चंद्रशेखर आजाद के नाम पर बने छह व्हाट्सएप ग्रुप का हिस्सा थे। पुलिस सूत्रों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। जांच से जुड़े सूत्रों ने बताया कि आरोपी और इन व्हाट्सएप ग्रुप के अन्य सदस्य नियमित रूप से स्वतंत्रता.

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नयी दिल्ली: संसद की सुरक्षा में सेंधमारी मामले में गिरफ्तार किये गये आरोपी भगत सिंह और चंद्रशेखर आजाद के नाम पर बने छह व्हाट्सएप ग्रुप का हिस्सा थे। पुलिस सूत्रों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। जांच से जुड़े सूत्रों ने बताया कि आरोपी और इन व्हाट्सएप ग्रुप के अन्य सदस्य नियमित रूप से स्वतंत्रता सेनानियों के विचारों पर चर्चा करते थे और संबंधित वीडियो क्लिप भी साझा करते थे।

लोकसभा में 13 दिसंबर को दो व्यक्ति – सागर शर्मा और मनोरंजन डी. – शून्यकाल के दौरान दर्शक दीर्घा से सदन कक्ष में कूद गए थे और इस दौरान ‘केन’ से पीला धुआं छोड़ा और नारे लगाए। दोनों को बाद में कुछ सांसदों ने पकड़ लिया था। लगभग उसी समय, संसद भवन परिसर के बाहर दो लोगों अमोल शिंदे और नीलम देवी ने ‘‘तानाशाही नहीं चलेगी’’ के नारे लगाते हुए ‘केन’ से रंगीन धुआं छोड़ते हुए प्रदर्शन किया था।

चारों के अलावा पुलिस ने कथित मुख्य साजिशकर्ता ललित झा और महेश कुमावत को भी गिरफ्तार किया है। उन पर गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। सूत्रों ने बताया कि पुलिस को ‘मेटा’ से इन व्हाट्सएप ग्रुप के सभी सदस्यों के साथ-साथ उनकी ‘चैट’ का विवरण भी मिला है। सूत्रों के मुताबिक, आरोपी सुरक्षा में सेंध की योजना बनाने के लिए ‘सिग्नल’ एप पर भी बात करते थे और पिछले साल कर्नाटक के मैसूर में मिले थे।

एक अधिकारी ने कहा कि मैसूर के रहने वाले मनोरंजन ने पांचों का यात्रा खर्च वहन किया था। पुलिस उन चार आरोपियों के फर्जी सिम कार्ड प्राप्त करने की कोशिश कर रही है जिनके मोबाइल फोन राजस्थान में झा और कुमावत द्वारा कथित तौर पर नष्ट कर दिए गए थे।

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