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मंत्रालय द्वारा देश में लगभग पचास हजार नये पेट्रोल पंप खोलने की योजना पर पेट्रोल डीलर्स ने आपत्ति जताई

जीरकपुऱ/चंडीगढ़: लगभग पचास हजार से भी अधिक नये पेट्रोल पंप को देश भर में खोलने के लिये ऑयल मार्केटिंग कंपनीज (ओएमसी) के हाल ही में दिये गये विज्ञापनों से ऑल इंडिया पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन (एआईपीडीए) ने आपत्ति व्यक्त की है। पंजाब पेट्रोल डीलर्स एसोसिएशन (पीपीडीए) की मेजबानी के अधीन जीरकपुर में आयोजित की गई ऑल इंडिया पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन की वार्षिक आम बैठक (एनुअल जनरल मीटिंग) में देश भर से आये सदस्यों ने मिनिस्ट्री ऑफ पेट्रोलियम एंड नेचुरल गैस से मांग की है सरकार नये पेट्रोल पंपों को अनुमति देने से पहले मौजूदा डीलरों के हितों की सुरक्षा को सर्वोपरि रखे। बैठक के दौरान वर्तमान अध्यक्ष अजय बंसल को सर्वसम्मति से एक बार फिर राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया।

एजीएम के पश्चात पत्रकारों को संबोधित करते हुए देश के लगभग 90 हजार पेट्रोल डीलर्स का प्रतिनिधित्व करने वाले संघ – ऑल इंडिया पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष अजय बंसल ने ओएमसी और मंत्रालय की इस योजना पर आपत्ति व्यक्त करते हुए कहा कि पेट्रोलियम डीलर्स की बिरादरी प्रदेश और केंद्र के राजस्व में विभिन्न टेक्सों के माध्यम से अनुमानित 47 फीसदी का योगदान कर देश की अर्थव्यवस्था में एक महत्वपूर्ण योगदान देती रही है। बावजूद इसके डीलर्स के प्रति अनदेखी के चलते पंप मालिक आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं जिससे की कई पेट्रोल पंप बंद होने की कगार पर है। उनके अनुसार जहां एक ओर सरकार आने वाले समय में वाहनों के ई वी-करण और ईंधन के अन्य विकल्पों पर जोर देने के साथ साथ इतनी व्यापक मात्रा में पेट्रोल पंप खोलने पर विचार कर रही है, इस समूची योजना में एक विरोधाभास नजर आता है जो कि पंप मालिकों के साथ उपभोक्ताओं के हित मे भी नहीं होगा। उन्होंने चिंता जताई की इतनी मात्रा में प्रस्तावित पंपों के खुलने से उचित कमीशन नहीं प्राप्त होने पर भी पंप मालिकों के बीच और अधिक प्रतिस्पर्धा बढेगी । परिणामस्वरुप मौजूदा डीलर्स और इस उद्योग में प्रवेश कर रहे नये डीलर्स को भी निरंतर नुकसान उठाना पडेगा।

अजय बंसल ने बताया कि नौबत यहां तक है कि पंप मालिक ओएमसी की तय नीतियों और मनमानी के चलते चाह कर भी अपने पेट्रोल पंप को बंद या छोड़ नहीं सकते हैं। ओएमसी पंप मालिकों की जमीन से अपनी इनवेस्टमेंट नहीं हटाती है जिससे की मामले कोर्ट तक चले जाते है जिससे डीलर पहले से ज्यादा ओर परेशान हो जाता है। इसलिये उन्होंने मंत्रालय से इस व्यवसाय से निकलने के लिये ‘सेफ एग्जिट पोलिसी’ की मांग की है।

बंसल ने बताया कि वर्ष 2017 से पंप मालिकों के कमीशन में कोई इजाफा नहीं किया गया है जिससे की डीलर्स वर्ग में निरंतर असंतुष्टता व्याप्त रहती है। उन्होंनें बताया कि निकट भविष्य में सरकार द्वारा उपभोक्ताओं को ईंधन के विकल्प उपलब्ध करवाये जाने के दौरान पंप मालिकों की मौजूदा साईट्स को तवज्जों दी जाये जिससे की पंप मालिकों की बिगढ़ती आर्थिक दशा को सुधारा जा सके।

ऐसोसियेशन ने यह भी दलील दी कि देश भर के अलग अलग पेट्रोल पंपों में विविध लागू टेक्सों को हटा कर ‘वन नेशन वन रेट’ को मजबूती प्रदान की जाये जिससे की पड़ोसी राज्यों मे मूलभूत व जरुरी चीजों की बढ़ती कीमतों पर अंकुश लगाया जा सके।

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