Pawan Khera : कांग्रेस ने अमेरिका से 205 अवैध प्रवासियों वापस भेजे जाने की खबरों को लेकर बुधवार को कहा कि भारतीय नागरिकों को हथकड़ी लगाकर और अपमानित करके निर्वासित किए जाने की तस्वीरें दुखद हैं। ऐसी खबरें हैं कि पंजाब और पड़ोसी राज्यों के 205 अवैध प्रवासियों को लेकर एक अमेरिकी सैन्य विमान बुधवार दोपहर अमृतसर हवाई अड्डे पर उतरने वाला है। पिछले माह डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिकी राष्ट्रपति के रूप में पदभार संभालने के बाद देश की कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने अवैध प्रवासियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की गई है।
कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, कि ‘अमेरिका से भारतीयों को हथकड़ी लगाकर और अपमानित करके निर्वासित किए जाने की तस्वीरें देखकर, एक भारतीय होने के नाते मुझे दुख होता है। मुझे दिसंबर 2013 की वह घटना याद है जब भारतीय राजनयिक देवयानी खोबरागड़े को अमेरिका में हथकड़ी लगाई गई थी और ‘स्ट्रिप सर्च’ किया गया था।’’
अमेरिका से भारतीयों को हथकड़ी लगाकर और अपमानित करके निर्वासित किए जाने की तस्वीरें देखकर, एक भारतीय होने के नाते मुझे दुख होता है।
मुझे दिसंबर 2013 की वह घटना याद है जब भारतीय राजनयिक देवयानी खोबरागड़े को अमेरिका में हथकड़ी लगाई गई थी और स्ट्रिप सर्च किया गया था।
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— Pawan Khera 🇮🇳 (@Pawankhera) February 5, 2025
उनके मुताबिक, ‘‘उस समय तत्कालीन विदेश सचिव सुजाता सिंह ने अमेरिका की राजदूत नैन्सी पॉवेल के सामने कड़ा विरोध दर्ज कराया था। सरकार ने तीखी प्रतिक्रिया दी थी। मीरा कुमार, सुशील कुमार शिंदे और राहुल गांधी जैसे नेताओं ने भारत दौरे पर आए अमेरिकी कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल (जॉर्ज होल्डिंग, पीट ओल्सन, डेविड श्वाइकर्ट, रॉब वुडऑल और मैडेलिन बोर्डालो) से मिलने से इनकार कर दिया था।’’
खेड़ा ने कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने अमेरिका की इस कार्रवाई को ‘निंदनीय’ बताया था। उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने अमेरिकी दूतावास को दी जाने वाली कई सुविधाएं वापस ले लीं थी, जिनमें दूतावास कर्मियों के लिए खाद्य पदार्थों और शराब के रियायती आयात की अनुमति भी शामिल थी और आयकर विभाग ने अमेरिकन दूतावास के स्कूल की जांच शुरू कर दी थी। उन्होंने कहा, कि ‘तत्कालीन अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी ने देवयानी खोबरागड़े के साथ किए गए व्यवहार पर खेद व्यक्त किया था। अमेरिकी प्रशासन ने विदेश सचिव सुजाता सिंह को कॉल कर अमेरिका की ओर से खेद प्रकट किया था।’’