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प्रधानमंत्री को लोकतंत्र में विश्वास नहीं, संसद का कर रहे हैं अपमान : Mallikarjun Kharge

नई दिल्लीः कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी संसद के मानसून सत्र में मणिपुर के विषय पर बयान देने की बजाय राजस्थान में राजनीतिक भाषण दे रहे हैं जिसका मतलब यह है कि उन्हें लोकतंत्र में विश्वास नहीं है और वह संसद एवं हर सांसद का अपमान कर रहे हैं। उन्होंने संसद भवन परिसर में कहा, कि ‘सदन चल रहा है, हम प्रधानमंत्री से मांग कर रहे हैं कि मणिपुर पर बयान दीजिए। वह राजस्थान में जाकर राजनीतिक भाषण दे रहे हैं, चुनाव की बात कर रहे हैं। अगर आप संसद का सत्र छोड़कर राजस्थान जा सकते हैं तो क्या यहां सदन में आकर आधे घंटे अपना बयान नहीं दे सकते ?’’ उन्होंने आरोप लगाया, कि ‘इसका मतलब यह है कि उनको कोई दिलचस्पी नहीं है। प्रधानमंत्री को लोकतंत्र में विश्वास नहीं है। वह लोकतंत्र और संविधान की रक्षा नहीं करना चाहते। वह संसद और हर सांसद का अपमान कर रहे हैं।’’

बाद में कांग्रेस अध्यक्ष ने ट्वीट किया, ‘‘मणिपुर का जलना देश के लिए काला अध्याय है। जिस सरकार ने पिछले 85 दिनों से मणिपुर के रोते-बिलखते लोगों की सुध नहीं ली वह सरकार इंसानियत पर कलंक है। संसद का सत्र चल रहा है और प्रधानमंत्री सदन में बोलने के बजाय घूम-घूम कर भाषण दे रहे हैं। यह लोकतंत्र को कलंकित कर रहा है। ’’ उन्होंने दावा किया, ‘‘विपक्षी दलों को कुछ भी कह देने से मोदी सरकार के कुकर्मों की कालिख मिट नहीं सकती। दलित, आदिवासियों और पिछड़ों के विरोध वाली मानसिकता ही काले कपड़ों का मखौल उड़ा सकती है, पर हमारे लिए काला रंग, विरोध और शक्ति का प्रतीक है।’’ उनके अनुसार, ‘‘काला रंग न्याय और गरिमा का प्रतीक है। मणिपुर की जनता न्याय, शान्ति और सम्मान की हकदार है।’’

विपक्षी नेता बृहस्पतिवार को मणिपुर के मुद्दे पर सरकार के रुख के विरोध में काले कपड़े पहनकर संसद पहुंचे। मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, कि ‘मणिपुर के जीवन को काले अंधकार में डुबो कर, तानाशाही रवैया अपनाकर, मुद्दे से ध्यान भटकाकर – भाजपा अपनी जवाबदेही से भाग नहीं सकती। संसद के इतिहास में इससे गहन अंधकार काल नहीं आया।’’ प्रधानमंत्री मोदी द्वारा उनके तीसरे कार्यकाल में भारत को विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने संबंधी बयान दिए जाने पर मल्लिकार्जुन खड़गे ने कटाक्ष करते हुए कहा, कि ‘उनको 100 बार आने के लिए कहिए, मैं कुछ नहीं कहता। लेकिन अब लोग जागृत हो गए हैं। वे लड़ेंगे और लड़ते रहेंगे।’’

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