PM Modi को जंतर-मंतर जाकर महिला पहलवानों के सुनने चाहिए विचार : Kapil Sibal

नई दिल्लीः राज्यसभा सदस्य कपिल सिब्बल ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जंतर-मंतर जाकर प्रदर्शनकारी महिला पहलवानों के ‘‘मन की बात’’ सुनने का अनुरोध करते हुए कहा कि इस तरह के कदम साबित होगा कि प्रधानमंत्री उनके दर्द को समझने को तैयार हैं। वरिष्ठ अधिवक्ता सिब्बल पहलवानों की ओर से उच्चतम न्यायालय में पैरवी.

नई दिल्लीः राज्यसभा सदस्य कपिल सिब्बल ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जंतर-मंतर जाकर प्रदर्शनकारी महिला पहलवानों के ‘‘मन की बात’’ सुनने का अनुरोध करते हुए कहा कि इस तरह के कदम साबित होगा कि प्रधानमंत्री उनके दर्द को समझने को तैयार हैं। वरिष्ठ अधिवक्ता सिब्बल पहलवानों की ओर से उच्चतम न्यायालय में पैरवी कर रहे हैं। उनकी टिप्पणी मोदी के मन की बात रेडियो कार्यक्रम की 100वीं कड़ी के प्रसारण के एक दिन बाद आई है। सिब्बल ने ट्वीट किया, ‘‘मोदी जी: आपके 100वें मन की बात कार्यक्रम के लिए बधाई। मोदी जी, यदि आपके पास समय हो तो कृपया जंतर-मंतर जाएं और प्रदर्शनकारी महिला पहलवानों के मन की बात सुनें।

उन्होंने कहा, कि ‘यह दिखाएगा कि हमारे प्रधानमंत्री उनके दर्द को समझने को तैयार हैं।’’ दिल्ली पुलिस ने सात महिला पहलवानों द्वारा भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसद एवं भारतीय कुश्ती महासंघ के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों को लेकर शुक्रवार को दो प्राथमिकी दर्ज कीं हैं। ये दोनों प्राथमिकी दिल्ली पुलिस की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता द्वारा प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूíत पी एस नरसिम्हा की पीठ को यह बताये जाने के कुछ घंटे बाद दर्ज की गईं कि शुक्रवार को मामला दर्ज किया जाएगा।

पहली प्राथमिकी एक नाबालिग पहलवान के आरोपों से संबंधित है और यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के तहत दर्ज की गई है, वहीं दूसरी महिलाओं की मर्यादा को ठेस पहुंचाने से संबंधित है। अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में देश का नाम रोशन करने वाले कई पहलवान जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और मांग कर रहे हैं कि सरकार सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच करने वाली निगरानी समिति के निष्कर्षों को सार्वजनिक करें। पहलवानों ने इस बात पर जोर दिया है कि जब तक सिंह को गिरफ्तार नहीं किया जाता, वे प्रदर्शन स्थल नहीं छोड़ेंगे। उन्होंने पिछले सप्ताह अपना धरना फिर से शुरू किया था और मांग की थी कि आरोपों की जांच करने वाली समिति के निष्कर्षों को सार्वजनिक किया जाए।

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