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9.80 करोड़ किसानों को “पीएम किसान” की राशि PM Modi करेंगे ट्रांसफर : Shivraj Singh Chouhan

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मुख्य आतिथ्य में होगा किसान सम्मान समारोह। 24 फरवरी को 19वीं किस्त में 22000 करोड़ किसानों को उनके बैंक खाते में ट्रांसफर किए जाएंगे।

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Shivraj Singh Chouhan : केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (पीएम किसान) की 19वीं किस्त में 22,000 करोड़ रुपए की राशि देशभर के लगभग 9.80 करोड़ किसानों को सीधे उनके बैंक खाते में ट्रांसफर की जाएगी। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज कृषि भवन, नई दिल्ली में किसानों की सेवा को सर्वोच्च प्राथमिकता देने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी “पीएम किसान” की यह राशि भागलपुर (बिहार) में आयोजित वृहद कार्यक्रम- किसान सम्मान समारोह के मंच से ट्रांसफर करेंगे। शिवराज सिंह ने बताया कि पीएम किसान की 18वीं किस्त में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा किसानों के खातों में 20,665 करोड़ दिए गए थे।

पत्रकार वार्ता में केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि किसान कल्याण मोदी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उत्पादन बढ़े, उत्पादन लागत घटे, उत्पादन के ठीक दाम मिले, फसलों के नुकसान की भरपाई हो, कृषि का विविधीकरण हो, प्राकृतिक खेती जैसे मिशन के अभियान सफल हो, लागत घटे, इसके लिए केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय लगातार काम कर रहा है। उन्होंने बताया कि पीएम किसान सम्मान निधि योजना प्रधानमंत्री मोदी जी ने वर्ष 2019 में प्रारंभ की थी। कोई पात्र किसान छूट गया है तो उसका नाम जोड़ने की प्रक्रिया कृषि मंत्रालय चलाता रहा है।

शिवराज सिंह ने कहा कि किसान सम्मान निधि ने छोटे किसानों की जिंदगी बदली है। 2019 से पहले ऐसी कोई योजना नहीं थी। कांग्रेस ने सरकार चलाई, लेकिन किसानों के खाते में सीधे सहायता देने का काम कभी नहीं किया। इस योजना के तहत 6 हजार तीन किश्तों में सीधे दिए जाते हैं। अभी तक लगभग 3.46 लाख करोड़ किसानों के खातों में डाले गए हैं। 19वीं किश्त जारी होते ही कुल 3.68 लाख करोड़ रुपए किसानों के खातों में पहुंच जाएंगे।

केंद्रीय मंत्री चौहान ने कहा कि छोटे किसानों को बोवनी के समय खाद- बीज की दिक्कत होती थी, उन्हें ब्याज पर राशि कर्ज लेकर जरूरतें पूरी करना पड़ती थी। अब कृषि संबंधित जरूरी खर्च इस निधि से किसान पूरा करते है। उन्होंने बताया कि अंतर्राष्ट्रीय खाद्य नीति अनुसंधान संस्थान (IFPRI) ने पीएम किसान स्कीम का स्वतंत्र अध्ययन किया है, जिसमें पता चला कि इस योजना के तहत प्राप्त धनराशि ने किसानों की ऋण बाधाओं को दूर करने में मदद की है। किसानों की जोखिम लेने की क्षमता बढ़ी है।

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह ने बताया कि भागलपुर के कार्यक्रम में प्रधानमंत्री जी के साथ बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सहित मंत्रीगण भाग लेंगे। इसका आयोजन केवल बिहार में नहीं होगा, बल्कि इसका देशभर में हर स्तर पर आयोजन हो रहा है। ब्लॉक स्तर, ग्राम पंचायत स्तर पर राज्य सरकारें आयोजन करेगी। 731 कृषि विज्ञान केंद्रों (केवीके) में भी आयोजन होगा। राज्यों के कृषि मंत्री और सांसदगण व विधायकगण भी अपने-अपने क्षेत्रों में इस कार्यक्रम से जुड़ने वाले हैं। इसका सीधा प्रसारण डीडी किसान, माय गव पर वेबकास्ट, यूट्यूब, फेसबुक और देशभर के 5 लाख से अधिक कॉमन सर्विस सेंटर पर भी किया जाएगा। लगभग ढाई करोड़ किसान भौतिक और वर्चुअली इस कार्यक्रम से जुड़ेंगे।

शिवराज सिंह ने बताया कि किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) पर अधिकतम 3 लाख रुपए किसान को मिलते थे, अब वो सीमा बढ़ाकर 5 लाख कर दी गई है। हमने पात्र किसानों को लाभ मिले, इसके लिए हमने लगातार अभियान चलाया है। इस तरह की अनेक योजनाएं देश के किसानों के हित में चलाई जा रही है। केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह ने बताया कि प्रधानमंत्री इस कार्यक्रम के अतिरिक्त भागलपुर में कुछ और कार्यक्रम सम्पन्न करेंगे। बिहार के बरौनी में बरौनी डेयरी द्वारा एक दुग्ध उत्पाद संयंत्र प्रारंभ किया जाएगा, जिसकी दूध प्रसंस्करण की क्षमता लगभग 2 लाख लीटर है। ये पशुपालन व डेयरी विभाग का कार्यक्रम है। मोतीहारी में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस का उद्घाटन प्रधानमंत्री जी करेंगे। इसके अतिरिक्त, एक रेल लाइन 36.45 किमी, जिसकी लागत 526 करोड़ रुपए है, रेलवे ओवर ब्रिज का उद्घाटन करेंगे।

शिवराज सिंह ने बताया कि बिहार की प्रमुख फसल है मखाना। मखाना उत्पादकों को ऊर्जा मिले, इसके लिए मखाना बोर्ड स्थापित करने का फैसला लिया गया है। मैं 23 फरवरी को बिहार पहुंचुगा, सीधा इन उत्पादकों से चर्चा करूंगा व मखाना उत्पादक किसानों को और कैसे सुविधा दे सकते हैं, उनकी समस्याएं दूर करने के लिए सीधे चर्चा करेंगे। उन्होंने कहा कि चर्चा किसी हॉल में नहीं, बल्कि तालाबों के किनारे ही करेंगे।

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