नेशनल डेस्क: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तरकाशी के सिलक्यारा टनल में फंसे मजदूरों को सकुशल बाहर निकालने के लिए चलाए जा रहे रेस्क्यू ऑपरेशन के बारे में बताते हुए कहा कि बीते करीब दो हप्ते से उत्तराखंड की एक टनल में फंसे हुए श्रमिक भाइयों को सकुशल बाहर निकालने के लिए सरकार और तमाम एजेंसियां कोई कोर-कसर बाकी नहीं छोड़ रही हैं। लेकिन इस राहत और बचाव अभियान को हमें बहुत सतर्कता से ही पूरा करना है।
हैदराबाद के NTR स्टेडियम में आयोजित कोटि दीपोत्सवम् कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘आज जब हम देवी-देवताओं से प्रार्थना कर रहे हैं, मानवता के कल्याण की बात करते हैं, तो हमें अपनी प्रार्थना में उन श्रमिक भाइयों को भी स्थान देना है, जो बीते करीब दो हफ्तों से उत्तराखंड की एक टनल में फंसे हुए हैं।‘
प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा, ‘सरकार और तमाम एजेंसियां मिलकर उन्हें संकट से बाहर निकालने में कोई कोर-कसर बाकी नहीं छोड़ रही हैं।लेकिन इस राहत और बचाव अभियान को हमें बहुत सतर्कता से ही पूरा करना है। इस अभियान में प्रकृति हमें लगातार चुनौतियां दे रही हैं, लेकिन हम डटे हुए हैं, चौबीसों घंटे प्रयास कर रहे हैं। हमें प्रार्थना करनी है उन श्रमिकों के सकुशल निकलने के लिए और जल्द से जल्द निकलने के लिए। हमें उन श्रमिकों के परिवार को हिम्मत देनी है, हौसला देना है कि पूरा देश आपके साथ है।‘
बता दें कि 12 नवंबर 2023 को सिल्कयारा से बारकोट तक निर्माणाधीन सुरंग में 60 मीटर हिस्से में मलबा गिरने से सुरंग ढह गई. फंसे हुए 41 मजदूरों को बचाने के लिए राज्य और केंद्र सरकारों द्वारा तत्काल संसाधन जुटाए गए. पांच एजेंसियों- ONGC, SJVNL, RVNL, NHIDCL और THDCL को विशिष्ट जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं, जो परिचालन दक्षता के लिए सामयिक कार्य समायोजन के साथ मिलकर काम कर रही हैं।