नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत कई राजनीतिक हस्तियों ने संसद हमले की 23वीं बरसी पर वीरों को श्रद्धांजलि दी। राष्ट्रपति ने कहा, ‘उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया। पोस्ट में लिखा मैं उन वीरों को अपनी विनम्र श्रद्धांजलि अर्पति करती हूं जिन्होंने 2001 में आज के दिन हमारी संसद की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की आहुति दी थी। उनका साहस और निस्वार्थ सेवा भाव हमें प्रेरित करता रहेगा। राष्ट्र उनके और उनके परिवारों के प्रति हमेशा कृतज्ञ रहेगा। इस दिन, मैं आतंकवाद से लड़ने के लिए भारत के अटूट संकल्प को दोहराती हूं। हमारा देश आतंकवादी ताकतों के खिलाफ एकजुट है।‘
केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान भी श्रद्धांजलि अर्पति की। कहा, 13 दिसंबर 2001 को लोकतंत्र के मंदिर संसद भवन पर हुए कायरतापूर्ण आतंकी हमले में अपने प्राणों की आहुति देकर राष्ट्र के गौरव की रक्षा करने वाले मां भारती के वीर सपूतों के चरणों में विनम्र श्रद्धांजलि अर्पति करता हूं। देश का कण-कण अपने बहादुर लालों के बलिदान का युगों-युगों तक ऋणी रहेगा।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया। पोस्ट में उन्होंने लिखा है कि लोकतंत्र के मंदिर संसद भवन पर वर्ष 2001 में हुए कायराना आतंकी हमले को विफल कर मां भारती के मान की रक्षा करने वाले वीर सपूतों को विनम्र श्रद्धांजलि। देश की संप्रभुता और स्वाभिमान को अक्षुण्ण रखने हेतु आपके सर्वोच्च बलिदान के प्रति यह राष्ट्र सदैव कृतज्ञ रहेगा।
वहीं, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने पोस्ट करते हुए लिखा, ‘ संसद भवन पर आतंकवादी हमले का मुंहतोड़ जवाब देकर देश के सम्मान और स्वाभिमान के लिए सर्वोच्च बलिदान देने वाले मां भारती के अमर सपूतों को विनम्र श्रद्धांजलि अर्पति करता हूं। जवानों का पराक्रम और बलिदान देश के शौर्य इतिहास में सदैव स्वर्णमि अध्याय के रुप में युवाओं को प्रेरणा देता रहेगा।‘
दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने लिखा कि 2001 में संसद भवन पर हुआ कायरतापूर्ण आतंकी हमला हमारे राष्ट्र की संप्रभुता व स्वाभिमान को घायल करने का कुत्सित व असफल प्रयास था। लोकतंत्र के इस पवित्र मंदिर की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले अमर शहीदों को कोटि-कोटि नमन। आपका त्याग व बलिदान युगों-युगों तक स्मरणीय रहेगा।