नई दिल्ली: आज ओडिशा में लोग बड़े ही हर्षोल्लास के साथ नुआखाई त्योहार मना रहे हैं। इस खास मौके पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने ओडिशा सहित सभी देशवासियों को शुभकामनाएं दी। उन्होंने अपने एक्स पर लिखा, सभी देशवासियों, विशेष रूप से ओडिशा के लोगों को, मैं नूआखाई की हार्दकि शुभकामनाएं देती हूं। नूआखाई हमारे कृषि-आधारित जनजीवन का एक महान पर्व है। यह देश के किसानों के प्रति आभार व्यक्त करने का भी अवसर है। मैं कामना करती हूं कि यह पर्व सभी के जीवन में सुख और समृद्धि लेकर आए।
सभी देशवासियों, विशेष रूप से ओडिशा के लोगों को, मैं नूआखाई की हार्दिक शुभकामनाएं देती हूं। नूआखाई हमारे कृषि-आधारित जनजीवन का एक महान पर्व है। यह देश के किसानों के प्रति आभार व्यक्त करने का भी अवसर है। मैं कामना करती हूं कि यह पर्व सभी के जीवन में सुख और समृद्घि लेकर आए।
— President of India (@rashtrapatibhvn) September 8, 2024
नुआखाई ओडिशा राज्य का एक वार्षकि फसल उत्सव है, खेतों की खड़ी फसल या नई फसल के आगमन का प्रतीक है। यह पर्व ओडिशा के लोगों के लिए विशेष महत्व रखता है। इसे बड़े ही उत्साह और विधि-विधान के साथ मनाया जाता हैं।
ऐसा कहा जाता है कि नुआखाई पर्व पश्चिमी ओडिशा के आदिवासी समुदायों से अपनाया गया है। वहीं अब इसे राज्य के हर समुदाय के लोग बड़े ही उमंग और श्रद्धा भाव से मनाते हैं। आमतौर पर नुआखाई पर्व गणोश चतुर्थी के एक दिन बाद मनाया जाता है। इस दिन परिवार के मुखिया फसल और धरती माता की विशेष पूजा करते हैं। फसल और धरती माता को दूध और फूल चढ़ाने के बाद खेत से धान इकट्ठा किया जाता है। फिर इसे परिवार या गांव के पूज्य देवता को अर्पित किया जाता है।
सुबह पूजा-पाठ करने के बाद लोग नृत्य, खेल आदि कार्यक्रमों के आयोजन का आनंद लेते हैं। इस त्योहार का उत्सव ग्रामीण क्षेत्रों में पूरे महीने जारी रहता है, जिसमें प्रार्थनाएं, सामुदायिक नृत्य, सांस्कृतिक कार्यक्रम और दावत का आयोजन किया जाता है।