प्रधानमंत्री ने केंद्रीय विद्यालय संगठन की हीरक जयंती पर दी बधाई

नयी दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को केंद्रीय विद्यालय संगठन (केवीएस) की हीरक जयंती के अवसर पर संगठन से जुड़े र्किमयों, छात्रों और शिक्षकों को बधाई दी और अकादमिक उत्कृष्टता तथा छात्रों के समग्र विकास के लिए इसकी सराहना की। प्रधानमंत्री ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘केंद्रीय विद्यालय परिवार के सभी छात्रों,.

नयी दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को केंद्रीय विद्यालय संगठन (केवीएस) की हीरक जयंती के अवसर पर संगठन से जुड़े र्किमयों, छात्रों और शिक्षकों को बधाई दी और अकादमिक उत्कृष्टता तथा छात्रों के समग्र विकास के लिए इसकी सराहना की।

प्रधानमंत्री ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘केंद्रीय विद्यालय परिवार के सभी छात्रों, कर्मचारियों, सहायक कर्मचारियों और पूर्व छात्रों को इसकी हीरक जयंती पर बधाई! यह इस सम्मानित शैक्षिक समुदाय की उल्लेखनीय उपलब्धियों का जश्न मनाने और प्रशंसा करने का अवसर है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘वर्षों से केंद्रीय विद्यालयों ने कई छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करके हमारे राष्ट्र के भविष्य को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। अकादमिक उत्कृष्टता और छात्रों के समग्र विकास में इनका योगदान वास्तव में सराहनीय है।’’ भारत सरकार द्वारा दूसरे केंद्रीय वेतन आयोग की सिŸफारिशों के आधार पर केन्द्रीय विद्यालयों (सेंट्रल स्कूल) की योजना का अनुमोदन नवंबर 1962 में किया गया।

शुरुआत में शैक्षिक वर्ष 1963-64 के दौरान सुरक्षा र्किमयों की सघनता वाले स्थानों पर चलाए जा रहे 20 रेजिमेंटल विद्यालयों को केन्द्रीय विद्यालयों के रूप में लिया गया। पंद्रह दिसंबर, 1965 को सोसायटी पंजीकरण अधिनियम (1860 के क) के अंतर्गत एक सोसायटी के रूप में केन्द्रीय विद्यालय संगठन का पंजीकरण किया गया।

इससे पहले केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने हीरक जयंती समारोह में कहा, ह्लपिछले छह दशकों से, केंद्रीय विद्यालय संगठन छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान कर रहा है। शिक्षा का यह वट वृक्ष भारत के विकास में एक प्रमुख कारक है। आज, जब हम विकसित भारत के लक्ष्य की ओर बढ़ रहे हैं, तो केवीएस का महत्व और भूमिका बढ़ जाती है। उन्होंने कहा, ह्लकेवीएस परिवार 21वीं सदी की जरूरतों के अनुसार शिक्षा के माध्यम से भविष्य और राष्ट्र-निर्माण के पथ पर आगे बढ़ता रहे और एनईपी (राष्ट्रीय शिक्षा नीति) को जमीनी स्तर पर लागू करने में योगदान दे।

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