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प्रधानमंत्री मोदी का किसानों को संदेश भाजपा के चुनाव प्रचार की दिशा करेगा तय

अमृतसर: लगभग अढाई साल पहले विधानसभा चुनाव के समय प्रदेश के विकास के लिए 44,000 करोड़ रुपए के विकास कार्यो के पैकेज की घोषणा करने के लिए पंजाब पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी को निराशा से वापस लौटना पड़ा था। इस घटना के बाद प्रधानमंत्री मोदी एक बार फिर पटियाला में चुनावी रैली को संबोधित करने आ रहे हैं।

कृषि कानूनों पर पंजाब के किसानों द्वारा किए गए विरोध के बाद मोदी ने इन कानूनों को वापस तो ले लिया, लेकिन इसे साथ ही अपने 30 साल पुराने राजनीतिक मित्र अकाली दल को भी खो दिया। शिअद के दिग्गज नेता स्व. प्रकाश सिंह बादल की मौत के बाद पीएम मोदी की यह पहली पंजाब फेरी है। 2019 का लोकसभा चुनाव जीतने के बाद जब एनडीए के सभी नेता दिल्ली के सैंटर हाल में मिले थे, तब मोदी ने प्रकाश सिंह बादल के पैर छूकर उन्हें सम्मान दिया था।

अब अकाली दल व भाजपा अलग-अलग चुनाव लड़ रहे हैं। शिअद (बादल) के अध्यक्ष सुखबीर बादल ने जहां कांग्रेस व आम आदमी पार्टी के विरु द्ध मोर्चा खोल रखा है। वहीं, प्रधानमंत्री मोदी की नीतियों पर भी लगातार हमले कर रहे है। पटियाला की चुनावी रैली में देखना होगा कि मोदी शिअद (बादल) को परिवारवाद की राजनीति के कटघरे में खड़ा करते हैं या स्व. प्रकाश सिंह बादल के सम्मान में इस मुद्दे पर मौन रहते हैं। किसानों का संघर्ष अभी भी जारी है। किसान संगठन बीते कई दिनों से शंभू बॉर्डर पर बैठे हैं। किसान फसलों की एमएसपी की गारंटी मांग रहे हैं।

प्रदेश में भाजपा उम्मीदवारों को किसानों का विरोध ङोलना पड़ रहा है। प्रधानमंत्री मोदी पंजाब के किसानों को क्या संदेश देकर जाते हैं, इस पर सभी की निगाहें टिक गई हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने पटियाला, गुरदासपुर व जालंधर लोकसभा हलकों में रैली करने का फैसला किया है। पटियाला में पूर्व विदेश मंत्री परनीत कौर एक स्ट्रांग उम्मीदवार हैं। प्रधानमंत्री मोदी की चुनावी रैली से परनीत कौर के चुनाव प्रचार को कितनी धार मिलती है। इस बात का फैसला 4 जून के परिणाम से होगा।

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