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राहुल गांधी के बयान पर पुरी का पलटवार,कहा- ‘सिखों को खतरा सिर्फ 1984 में हुआ था’

नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने सिख समुदाय को लेकर दिए गए राहुल गांधी के बयान की कड़ी आलोचना करते हुए कहा है कि भारत में सिखों को एक ही बार चिंता, असुरक्षा और अस्तित्व का खतरा महसूस हुआ था, जब उनका परिवार सत्ता में था। उन्होंने कहा कि 1984 में जब राहुल गांधी के पिता राजीव गांधी सत्ता में थे तो सिख समुदाय के खिलाफ नरसंहार किया गया था। 3,000 निदरेष सिखों को मार दिया गया था। लोगों को उनके घरों से खींचकर बाहर निकाल कर जिंदा जला दिया गया था। राजीव गांधी ने उस समय बयान दिया था कि जब बड़ा पेड़ गिरता है तब धरती हिलती है। भाजपा राष्ट्रीय मुख्यालय में मीडिया को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में उनकी सरकार ने पिछले 10 सालों में सिखों के लिए जितना काम किया है, आजादी के बाद उतना काम कभी नहीं हुआ। प्रधानमंत्री मोदी जब भी गुरुद्वारे जाते हैं, स्वयं भी पगड़ी पहनकर ही जाते हैं। करतारपुर कॉरिडोर सहित सिख समुदाय की कई लंबित मांगों को मोदी सरकार ने पूरा किया है।

उन्होंने कहा कि राहुल गांधी के सिखों को लेकर दिए बयान पूरी तरह से झूठ और बेबुनियाद बातें हैं और वह इसकी कड़ी निंदा करते हैं। उन्होंने सिख समुदाय से भी इस झूठ को समझने और इसका पर्दाफाश करने का आग्रह किया। पुरी ने कहा कि वह स्वयं 6 दशकों से पगड़ी पहन रहे हैं और कड़ा उससे भी पहले से पहन रहे हैं। भारत के किसी भी कोने में सिखों को पगड़ी और कड़ा पहनने में कोई दिक्कत नहीं है। उन्होंने कहा कि जब राहुल गांधी, राष्ट्रीय पहचान, हमारी एकता और विविधता जैसे संवेदनशील मुद्दों पर बयान देते हैं, तो एक खतरनाक नैरेटिव सैट करने की कोशिश करते हैं। वह जब विपक्ष के नेता नहीं भी थे, तब भी शब्दों का इस्तेमाल नाप-तौलकर करना उनकी आदत नहीं थी।

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