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हाथरस घटना पर राहुल गांधी की ओछी सियासत, अखिलेश यादव को क्यों नहीं ले गए साथ : भाजपा

नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शुक्रवार को हाथरस का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने भगदड़ में मारे गए लोगों के परिवार वालों से मुलाकात की और संवेदना जताई। राहुल गांधी के दौरे को लेकर भाजपा ने निशाना साधा है। भाजपा नेता राधिका खेड़ा ने कहा, बहुत अफसोस की बात है कि इसके ऊपर भी राजनीति हो रही है। घटना बहुत ही दुखद है। जब यह दुर्घटना हुई थी, तुरंत ही प्रधानमंत्री मोदी ने संसद में संवेदना व्यक्त की थी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस बात का फौरी तौर पर संज्ञान लिया। मुख्यमंत्री ने चीफ सेक्रेटरी, डीजीपी को तुरंत हाथरस भेजा।

उसके बाद खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाथरस का दौरा किया। घटना के तीन दिन बाद आज राहुल गांधी वहां पहुंचे। उन्होंने कहा, मैं उनसे पूछना चाहती हूं कि क्या उन्होंने अपना फोन उठा कर तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन से बात की, जब राज्य में 60 से ज्यादा लोगों की घटिया शराब पीने से मौत हो गई। वहां पर न तो फोन किया, न ही गए। आज यूपी में वो ओछी सियासत करने पहुंच गए। तीन दिन बाद राहुल गांधी को हाथरस की याद क्यों आई। जाना ही था तो पहले जाते।

राधिका खेड़ा ने कहा, मैं राहुल गांधी को याद दिलाना चाहती हूं कि यूपी में मोदी की गारंटी और योगी के बुलडोजर की सरकार है। राज्य में कानून का राज है, जो भी दोषी होगा, उसे किसी भी कीमत पर नहीं बख्शा जाएगा। ये बेहद अफसोसजनक बात है कि मौतों के ऊपर विपक्ष के नेता सियासत करने में लगे हुए हैं। इस संवेदनशील घटना पर सबको साथ चलने के बजाय विपक्ष ने इसे सियासत का मुद्दा बना दिया है।

उन्होंने कहा, इंडिया गठबंधन में दरार पड़ चुकी है। आप और ममता दीदी पहले ही कांग्रेस से अलग हो चुकी है। जब लोकसभा में प्रधानमंत्री मोदी, राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी पर हमला बोल रहे थे तो सपा प्रमुख अखिलेश यादव हंस रहे थे, जो यह दिखाता है कि राहुल गांधी को उनके सहयोगी दल गंभीरता से नहीं लेते। राहुल गांधी को अखिलेश यादव को साथ लेकर हाथरस जाना चाहिए था। ये लोग आपस में तालमेल नहीं बैठा पर रहे हैं। आने वाले चुनाव में जनता इन्हें खारिज करने वाली है।

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