चेन्नई: तमिलनाडु के कई जिलों में शुक्रवार को भी बारिश जारी है और दक्षिणी जिलों में लगातार वर्षा के कारण थामिराबरनी नदी उफान पर है। थूथुकुडी जिला प्रशासन ने थामिराबरनी नदी में जलस्तर बढ़ने के कारण श्रीवैकुंटम और एरल क्षेत्रों में बाढ़ की चेतावनी जारी की है। निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी गई है।
चेन्नई में लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) ने पीने के पानी के प्रमुख स्नेतों में से एक ‘रेडहिल्स’ और ‘चेम्बरमबक्कम’ जलाशयों के पास के क्षेत्रों के लिए बाढ़ की पहली चेतावनी जारी की है, क्योंकि लगातार बारिश के कारण जलाशयों के जल स्तर में खतरनाक वृद्धि हुई है। शहर के उपनगर में पूंडी बांध से छोड़े जा रहे अतिरिक्त पानी की मात्र बृहस्पतिवार शाम के 5,000 क्यूसेक से बढ़ाकर आज सुबह 12,000 क्यूसेक कर दी गई है। प्रशासन ने बताया कि थामिराबरनी के ऊपरी हिस्से में भारी बारिश के कारण नदी के किनारे स्थित सभी गांवों और कस्बों में बाढ़ की चेतावनी जारी की गई है।
राजस्व अधिकारियों को श्रीवैकुंडम और एरल में सभी संवेदनशील स्थानों से लोगों को निकालने का निर्देश दिया गया है। पुलिस और अग्निशमन एवं बचाव सेवा र्किमयों ने लोगों से सुरक्षित स्थानों पर जाने को कहा है। पड़ोसी चेंगलपट्टू जिले के मदुरनथकम में बारिश के पानी में फंसी एक निजी बस को पुलिस और लोगों द्वारा खींचकर सुरक्षित निकाला गया। हालांकि, बस में सवार कोई भी यात्री या चालक दल का सदस्य इस घटना में घायल नहीं हुआ।
रात भर हुई बारिश के कारण तिरुनेलवेली जिले के सुथामल्ली में एक मकान ढह गया और तेनकासी जिले के वडकरई में एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जलमग्न हो गया, जबकि शंकरनकोइल में शंकरनारायण मंदिर में बारिश का पानी घुस गया। बारिश के बावजूद, तिरुवन्नामलाई स्थित प्रसिद्ध श्री अरुणाचलेश्वर मंदिर के प्रशासन ने आज शाम पर्वतीय क्षेत्र के ऊपर महादीपम जलाने की तैयारी शुरू कर दी, जो मंदिर में दस दिवसीय भव्य उत्सव के समापन का प्रतीक है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने श्रीलंका तट से दूर बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पश्चिम में बने निम्न दबाव क्षेत्र के कारण 14 जिलों में भारी बारिश का पूर्वानुमान जताया है, जो मन्नार की खाड़ी और उसके आस-पास के इलाकों में फैला हुआ है। आईएमडी ने कहा कि इस प्रणाली के पश्चिम-उत्तर-पश्चिम की ओर दक्षिण तमिलनाडु की ओर बढ़ते रहने और अगले 12 घंटों के दौरान धीरे-धीरे कम दबाव वाले क्षेत्र में कमजोर होने की संभावना है।